अलीबाग में कथित तौर पर उद्धव ठाकरे की पत्नी रश्मि ठाकरे के 19 बंगलों का मामला एक बार फिर सुर्खियों में आ गया है। किरीट सोमैया ने रश्मि ठाकरे के 19 बंगलों का के प्रकरण को लगातार फॉलो किया था। वहीं इस बीच मामले को लेकर सभी चुप्पी साधे रहे। हालांकि शिंदे-फडणवीस सरकार के बाद अलीबाग में 19 बंगलों के मामले की जांच एक बार फिर शुरू हो गई है। किरीट सोमैया ने नए साल के पहले दिन रेवदंडा पुलिस थाने जाकर रश्मि ठाकरे के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है। तो अब देखना होगा कि क्या पुलिस इस मामले में रश्मि ठाकरे के खिलाफ केस दर्ज करती है या नहीं। अगर ऐसा होता है तो इस बात की पूरी संभावना है कि ठाकरे परिवार की मुश्किलें बढ़ जाएंगी। पहले तत्कालीन मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, आदित्य ठाकरे और अब रश्मि ठाकरे पर आरोप लग चुके हैं। इन सब को देखते हुए ठाकरे परिवार निशाने पर आ गया है।
कुल मिलाकर इस बात के संकेत मिल रहे हैं कि इस आरोप से ठाकरे परिवार पर संकट आने वाला है। माविया सरकार के पतन के बाद, उद्धव ठाकरे, आदित्य ठाकरे और उनके ठाकरे समूह के नेता बार-बार गदर, बोके, रेडे, खोके जैसे विभिन्न उपमाओं के साथ शिंदे समूह की आलोचना करते देखे गए। लेकिन न तो मुख्यमंत्री और न ही उनके विधायकों ने उन्हें कोई जवाब दिया। किरीट सोमैया ने इस मामलों को सामने लाकर ठाकरे परिवार को घेरने की कोशिश की। जिसकी शुरुवात हो चुकी है। ऐसी ही चेतावनी नागपुर विधानसभा में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने भी दी थी। उन्होंने कहा कि ये हमें हर दिन चुनौती देते है। सहन करने की भी एक सीमा होती है। एकनाथ शिंदे ने चेतावनी दी थी कि आप किस पर आरोप लगा रहे हैं, जिसे आपके अंदर बाहर सब की खबर है। सवाल यह है कि क्या अब ठाकरे परिवार का काला चिट्ठा बाहर निकलेगा।
रश्मि ठाकरे के 19 बंगलों का मुद्दा किरीट सोमैया ने छोड़ दिया था। लेकिन संजय राउत ने ही प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इसे मुद्दे को पुनः उठाया। संजय राउत ने ऐलान किया था कि अगर रश्मि ठाकरे के नाम पर 19 बंगले होंगे तो वह राजनीति छोड़ देंगे। इस मामले की जांच की गई और पता लगाया गया कि ये कौन से बंगले हैं। संजय राउत ने इस मुद्दे पर फोकस किया। संजय राउत पर भी घोटाले का आरोप है। इसे देख कर ऐसा लगता है कि सनम हम डुबेंगे, तो तुमको भी ले डुबेंगे का संदेश राउत मातोश्री को देना चाहते हैं।
जब उद्धव ठाकरे मुख्यमंत्री थे, तब रश्मि ठाकरे के 19 बंगले रिकॉर्ड से गायब हो गए थे। मुख्यमंत्री कार्यालय ने इसके लिए संबंधित व्यवस्था पर दबाव बनाया। उद्धव ठाकरे ने 13 साल पुराने बंगलों का ब्योरा नष्ट करने का आदेश दिया। रश्मि ठाकरे ने इन बंगलों का 13 साल तक कर्ज चुकाया था। वहीं किरीट सोमैया का आरोप है कि ठाकरे सरकार के दौरान इस मामले को दबा दिया गया था।
कुल मिलाकर ठाकरे परिवार निशाने पर आ गया है। आदित्य ठाकरे पर नागपुर में दिशा सालियान की मौत के मामले में भी आरोप लगाए गए हैं। गृह मंत्री और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इस मामले में एसआईटी के गठन का ऐलान किया है। सुशांत सिंह राजपूत की मौत से पहले रिया चक्रवर्ती के फोन पर एयू के नाम से कई कॉल किए गए थे। इसमें एयू कौन है? इसकी खूब चर्चा हो रही है। आदित्य ठाकरे को संकट में डालने के बाद अब उद्धव ठाकरे का भी जांच एजेंसियों के रडार पर आने की संभावना है। क्योंकि अमरावती में उमेश कोल्हे हत्याकांड को लेकर निर्दलीय विधायक रवि राणा ने उद्धव ठाकरे पर गंभीर आरोप लगाए हैं।
आदित्य ठाकरे के चचेरे भाई वरुण सरदेसाई पर अब कुछ नया आरोप लगा है। विधायक योगेश सागर ने उन पर विधानसभा में आरोप लगाया है और सबूत के तौर पर एक पेन ड्राइव भी जमा की है। हिन्दुस्तान स्काउट्स एंड गाइड्स नाम की कंपनी खड़ी कर बच्चों को ठगा गया है। इसके अध्यक्ष वरुण सरदेसाई हैं। भाजपा विधायक ने आरोप लगते हुए कहा कि युवाओं से कम से कम दस लाख रुपये लिए गए और उन्हें गोंदिया में प्रशिक्षण के लिए भेजा गया। वहां एक स्कूल बनाया गया था और उन्हें वहां प्रशिक्षित किया गया था। प्रशिक्षण के बाद उन्हें यह कहते हुए नियुक्ति पत्र दिया गया था कि उन्हें स्कूल प्रशिक्षक द्वारा नियुक्त किया जाएगा। हालांकि जब ये युवा अपने नियुक्ति पत्र के साथ बाद में स्कूल गए तो उन्हें यह कहते हुए दूर भगा दिया गया कि प्रतिष्ठान हिंदुस्तान स्काउट्स और गाइड्स से जुड़ा हुआ नहीं है। इसके बाद पीड़ित युवकों को सूचित किया गया कि उनका पैसा सरदेसाई को दे दिया गया है और पैसा वापस मिलने पर उन्हें वापस कर दिया जाएगा।
कुल मिलाकर ठाकरे परिवार दुविधा में है, शिकायतें आ रही हैं। महाविकास अघाड़ी के नेताओं की तरह बिना सबूत के आरोप लगाना और विरोध करना जैसी कोई बात नहीं है। हम पहले ही देख चुके हैं कि जब किरीट सोमैया किसी पर आरोप लगाते हैं तो उसके पास सारे दस्तावेज होते हैं। सोमैया ने जिस पर भी आरोप लगाए वो या तो जेल जा चुके हैं या उनके खिलाफ ईडी की कार्रवाई की गई है और कोर्ट में केस फाइल किए गए। इन सब को देखते हुए ठाकरे परिवार इस में मामले में फँसते नजर आ रहे हैं। और ठाकरे परिवार पर संकट आने के संकेत मिल रहे हैं। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की चेतावनी के बाद सबकी निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि कब ठाकरे परिवार का काला चिट्ठा बाहर निकलेगा?
ये भी देखें