राउत की साजिश, सुनील का शिंदे से क्या संबंध?

राउत की साजिश, सुनील का शिंदे से क्या संबंध?

MNS's serious allegation on Raut, phone threat is a lie!

शिवसेना उद्धव गुट के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद संजय राउत धमकी मामले में नया ट्विस्ट सामने आया है। धमकी मामले में मुंबई पुलिस ने चार लोगों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार किए गए चार लोगों में से एक कि पहचान मयूर शिंदे के रूप में हुई है। मयूर शिंदे संजय राउत के छोटे भाई सुनील राउत का करीबी बताया जा रहा है। कहा जा रहा है संजय राउत की सुरक्षा बढ़ाई जाए इसके लिए धमकी वाली साजिश रची गई थी। आज की हमारी वीडियो इसी मुददें को लेकर है।

कुछ दिनों पहले संजय राउत के विधायक भाई सुनील राउत को धमकी मिली थी। ऐसा लग रहा है कि अब इस धमकी की वजह से माविया के चाणक्य संजय राउत कई मुश्किलों का सामना करेंगे। पुलिस ने शुरू से ही मामले की गहनता से जांच शुरू कर दी थी। इस मामले में आज गिरफ्तार हुए आरोपी के अंडरवर्ल्ड से गहरे संबंध हैं। इस बात की प्रबल संभावना है कि राउत बंधु धमकी के मामले में फंसेंगे।

कुछ दिनों पहले विधायक सुनील राउत ने मीडिया के साथ एक ऑडियो शेयर किया था। सुनील राउत के मोबाइल पर धमकी भरा फोन आया कि ‘सुबह भोंगा बंद करो, नहीं तो गोली मार देंगे’। ये उसी कॉल की रिकॉर्डिंग है। धमकी सिर्फ दोनों भाइयों को नहीं आई। बल्कि एक विधायक और एक सांसद को भी आई थी। मामला गंभीर नजर आ रहा था। पुलिस ने इस मामले में जांच शुरू की। जांच की प्रगति मुंबई पुलिस के अनुकूल थी। रिजवान अंसारी और उसके साथी शाहिद अंसारी, जिसके नाम पर सिम कार्ड है, इन्हें गोवंडी से गिरफ्तार किया गया।

इस मामले में पुलिस को पहली कड़ी हाथ लगी है। आगे की जांच आरोपी मुन्ना तक पहुंची जिसने असल में धमकी दी थी। पूछताछ के दौरान, मुन्ना ने खुलासा किया कि उसने धमकी भरा फोन मयूर शिंदे के अनुरोध पर ही किया था। इसके बाद मयूर शिंदे को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। मयूर शिंदे को गिरफ्तार कर मुलुंड कोर्ट में पेश किया जहां अदालत ने 19 जून तक पुलिस कस्टडी में भेज दिया है। बता दें कि मयूर शिंदे कोई आम इंसान नहीं हैं। इसकी पृष्ठभूमि बहुत खतरनाक है। हत्या, रंगदारी जैसे गंभीर अपराध उसके नाम पर हैं।

एक जमाने में भांडुप पर अंडरवर्ल्ड की गहरी पकड़ थी। कुमार पिल्ले, के टी थापा, अशोक जोशी जैसे कई कुख्यात नाम भांडुप से जुड़े थे। शिंदे पिछले 20 सालों से इसका अभिन्न हिस्सा रहा हैं। इस गैंगस्टर को राजनीतिक शरण किसने दी? उसे किसने पाला? भांडुप के लोगों ने इसे बहुत करीब से देखा है। वहीं भाजपा विधायक प्रसाद लाड़ ने राउत पर मुंबई पुलिस से धोखाघड़ी का मामला दर्ज करने की मांग की है। जबकि बीजेपी नेता नितेश राणे ने आरोप लगाया कि ऐसा उपमुख्यमंत्री और गृह मंत्री देवेंद्र फडणवीस की प्रतिष्ठा खराब करने के लिए किया जा सकता है।

मयूर शिंदे भांडुप के कोंकण नगर का रहने वाला हैं। शुरुआत में वह गैंगस्टर कुमार पिल्लै के लिए काम कर रहा था। बाद में उसने अपना गिरोह बना लिया। मनसे नेता संदीप देशपांडे पर हमले का आरोपी अशोक खरात कभी उसका बॉस रहा है। 2000 में, शिंदे को पहली बार गैंगस्टर गुलाम अली की हत्या के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया था। 2011 में इसी शिंदे ने अपने साथी के साथ भांडुप में एक मराठी बिल्डर के दफ्तर पर फायरिंग की थी। उस समय उन्हें महाराष्ट्र संगठित अपराध रोकथाम अधिनियम (मकोका) और महाराष्ट्र खतरनाक गतिविधियों की रोकथाम (एमपीडीए) के तहत गिरफ्तार किया गया था। 2016 में उसने एक पुलिसकर्मी की पिटाई की थी।

यह मूल शिवसैनिक थे । महाविकास अघाड़ी सरकार आने के बाद शिंदे को सत्ता का संरक्षण मिला। उसके ऊपर रखा मकोका हटा दिया गया। 2018 में सुनील राउत द्वारा आयोजित मिसल महोत्सव में शिंदे की मौजूदगी चर्चा का विषय बनी थी. शिंदे नगरसेवक बनना चाहते थे। वह प्रचार के लिए काफी खर्च करता था। भांडुप और ठाणे में ही नहीं बल्कि गांव में भी। चैत्र पूर्णिमा पर, चिपलून में उनके गृहनगर दसपति में रामवरदायिनी का भव्य उत्सव होता है। इस उत्सव में हर साल बड़ी संख्या में शिंदे के बैनर और पोस्टर लगाया जाता है। कुछ समय पहले वह एनसीपी में शामिल हुआ था। शिंदे को ठाणे में एनसीपी के एक बड़े नेता का आशीर्वाद मिला है। जिस वजह से वह ठाणे से नगरसेवक पद का चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहा था।

मनसे नेता संदीप देशपांडे की पिटाई और राउत की धमकी के मामले में कई बातें सामान्य हैं। मारपीट मामले में गिरफ्तार गैंगस्टर अशोक खरात भी भांडुप का रहने वाला है। जो शिवसैनिक था। राउत बंधुओं से भी उनके घनिष्ठ संबंध थे। राउत को मिली धमकियों के मामले में गिरफ्तार मयूर शिंदे भी शिवसैनिक थे. बाद में एनसीपी में शामिल हो गए। उन्हें ठाणे में एनसीपी के काम के चलते गिरफ्तार भी किया गया था। राजनीतिक नेताओं को आतंकित करने और पैसे ऐंठने के लिए गैंगस्टरों की मदद की जरूरत होती है। ये गैंगस्टर मयूर शिंदे जैसे लोगों की रक्षा करते है। हत्या, जबरन वसूली जैसे संगीन अपराध होते हैं और ये लोग राजनीतिक नेताओं के कार्यक्रमों में सेलेब्रिटी की तरह नजर आते हैं।

मयूर शिंदे की गिरफ्तारी के बाद इस मामले में कई बड़े खुलासे हो सकते हैं। पूरे मामले को देखने के बाद यह अंदाजा लगाना ज्यादा मुश्किल नहीं है कि शिंदे किसका आदमी है। इस मामले में सुनील राउत की जांच होनी चाहिए। वह आपकी धमकी की साजिश का मास्टरमाइंड कैसे हो सकता है जिसका जन्मदिन आपने प्यार से मनाया हो? हालांकि सुनील राउत अवश्य ही इस मसले पर रोशनी डाल सकते हैं।

वे इस बात की भी जानकारी दे सकते हैं कि उनका इस मकोका गुंडे से इतना स्नेहपूर्ण रिश्ता क्यों था। कुछ महीने पहले संजय राउत को एक धमकी भरा फोन आया था। जांच के बाद पता चला कि धमकी देने वाला शख्स पुणे का दारूडा इसम है। सुनील राउत को एक और धमकी आई। इसमें जो डिटेल सामने आ रही है, वह राउत की मुश्किल बढ़ा रही है। मयूर शिंदे की गिरफ्तारी के बाद संदीप देशपांडे ने संजय राउत की आलोचना की है। तामझाम और पुलिस सुरक्षा के लिए कितना झूठ बोलोगे? कितनी नौटंकी करोगे? देशपांडे ने यह सवाल पूछा है।

देशपांडे के इस बयान के साफ मायने हैं कि राउत ने यह साजिश सुरक्षा पाने के लिए रची थी। अगर यह सच है तो मामला गंभीर है। एक तरफ यह शेखी बघारना कि मुझे सुरक्षा की जरूरत नहीं है और दूसरी तरफ इस तरह की घटिया साजिशें करना, इसे आप क्या कह सकते हैं? कहना पड़ेगा कि राउत की कल्पना पर ग्रहण लग गया है। कहने की जरूरत नहीं कि जिन लोगों को मीडिया ने माविया का चाणक्य बताया, वे बड़े होशियार निकले।

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