समाचार एजेंसी आईएएनएस से बातचीत में विनय ने बताया कि हर अभिनेता के काम करने का अपना अंदाज, अपनी कार्यशैली होती है, लेकिन अभ्यास सभी के लिए जरूरी है।
उन्होंने कहा, “जब हम पहली बार स्क्रिप्ट पढ़ते हैं, तो दिमाग में किरदार की एक रूपरेखा बन जाती है। आप भावनात्मक रूप से उससे जुड़ जाते हैं।”
विनय पाठक का मानना है कि अगर एक्टर्स अपने स्क्रिप्ट को पढ़ लें तो उसमें ज्यादा रिसर्च की जरुरत नहीं पड़ती। उन्होंने बताया, “अगर आप स्क्रिप्ट को 9 बार पढ़ लें, तो ज्यादा रिसर्च की जरूरत नहीं पड़ती। अभिनय दोहराव और अभ्यास का शिल्प है। हर कलाकार की अपनी प्रक्रिया होती है, लेकिन इसे सरल रखना चाहिए।”
विनय ने बताया कि अभिनेता अनुपम खेर ने उन्हें ‘खोसला का घोसला’ फिल्म की शूटिंग के दौरान कश्मीरी व्यंजनों का स्वाद चखाया था। साल 2006 में आई फिल्म का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, “अनुपम खेर सेट पर परिवार जैसा माहौल बना देते हैं।
विनय ने बताया, “मैं शाकाहारी हूं, इसलिए मुझे लगा कि कश्मीरी खाना मैं नहीं खा सकता। लेकिन, अनुपम मुझे शूटिंग के दौरान दिल्ली में एक जगह पर ले गए और कश्मीरी व्यंजनों का स्वाद चखाया, जो मुझे बहुत पसंद आया।”
उन्होंने यह भी बताया कि सेट पर अनुपम ने कई मजेदार खेल सिखाए, जैसे 20 सवाल, जिससे शूटिंग का माहौल शानदार बन जाता था।
