नई दिल्ली स्थित इंटीग्रेटेड डिफेंस स्टाफ मुख्यालय में उन्होंने पदभार ग्रहण किया। इंटीग्रेटेड डिफेंस स्टाफ के मुख्य उद्देश्यों में सैन्य ऑपरेशन के लिए सेना के तीनों अंगों आर्मी, एयरफोर्स और नेवी के बीच समन्वय स्थापित करना है। खास तौर पर युद्ध जैसे हालात में इस कमांड का महत्व काफी अधिक है।
पदभार ग्रहण करने से पहले एयर मार्शल दीक्षित ने नेशनल वॉर मेमोरियल पर पुष्पांजलि अर्पित कर शहीदों को श्रद्धांजलि दी। उन्होंने साउथ ब्लॉक लॉन में आयोजित गार्ड ऑफ ऑनर का निरीक्षण भी किया।
लगभग चार दशकों के शानदार सैन्य करियर में एयर मार्शल दीक्षित ने अनेक कमांड, स्टाफ और प्रशिक्षण से जुड़े अहम पदों पर कार्य किया है। उनकी सेवाओं के लिए उन्हें अति विशिष्ट सेवा मेडल, विशिष्ट सेवा मेडल, और वायु सेना मेडल से सम्मानित किया गया है।
इंटीग्रेटेड डिफेंस स्टाफ के चीफ के रूप में नियुक्ति से पहले वह वायुसेना की सेंट्रल एयर कमांड के एयर ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ के रूप में कार्यरत थे। यहां उन्होंने उत्तर भारत और मध्य भारत क्षेत्रों में परिचालन तत्परता बढ़ाने और तीनों सेनाओं के बीच समन्वय को मजबूत करने पर विशेष ध्यान केंद्रित किया।
एयर मार्शल दीक्षित का कमीशन 6 दिसंबर 1986 को भारतीय वायु सेना के फाइटर स्ट्रीम में हुआ था। वह नेशनल डिफेंस एकेडमी, खडकवासला, डिफेंस सर्विसेज स्टाफ कॉलेज (बांग्लादेश) और नेशनल डिफेंस कॉलेज, नई दिल्ली के पूर्व छात्र हैं।
एयर मार्शल अशुतोष दीक्षित एक योग्य फ्लाइंग इंस्ट्रक्टर और एक्सपेरिमेंटल टेस्ट पायलट हैं। उनके पास 20 से अधिक प्रकार के विमानों पर 3,300 घंटे से अधिक का उड़ान अनुभव है, जिनमें मिराज-2000, मिग-21 और जगुआर शामिल हैं।
एयर स्टाफ रिक्वायरमेंट्स के निदेशक के रूप में उन्होंने मीडियम मल्टी-रोल कॉम्बैट एयरक्राफ्ट ट्रायल्स की योजना और संचालन में भी प्रमुख भूमिका निभाई।
इससे पहले इंटीग्रेटेड डिफेंस स्टाफ के चीफ रहे भारतीय सेना के लेफ्टिनेंट जनरल जे.पी. मैथ्यू लगभग चार दशकों की सेवा पूर्ण करने के उपरांत 30 अप्रैल को सेवानिवृत्त हो गए थे। बुधवार को अपनी सेवानिवृत्ति के दिन उन्होंने नई दिल्ली स्थित राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर शहीद वीरों को श्रद्धांजलि और पुष्पांजलि अर्पित की।
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