छत्तीसगढ़ के अम्बिकापुर की रहने वाली 68 वर्षीय रामभक्त विजयलक्ष्मी 10 साल से राम नाम लिख रही है। 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा के दिन महिला 84 लाख राम नाम लिख लेंगी। बता दें कि यह महिला राजस्थान के अजमेर में राम नाम धन बैंक में अपना खता खुलवाया था। तब से वे लगातार राम नाम लिख रही हैं। इसके लिए उन्हें बैंक द्वारा कॉपी मुहैया कराई जाती रही है।
महिला के अनुसार, 10 साल पहले उन्होंने राजस्थान के अजमेर में राम नाम धन बैंक में अपना खाता खुलवाया था। इसके बाद से उन्हें राम नाम धन बैंक द्वारा लगातार कॉपी उपलब्ध कराई जा रही है। इन काफियों के भर जाने के बाद उनके द्वारा राम नाम धन बैंक को इन कॉपीयों को स्पीड पोस्ट द्वारा भेज दिया जाता था, उसके बाद बैंक उन्हें प्लेन कॉपी भेजता था।
इस बैंक की स्थापना 7 अप्रैल 1987 में गोरखपुर गीता प्रेस के संचालक रामसुख दास महाराज के मार्गदर्शन में किया गया था। राम नाम धन बैंक राजस्थान के अजमेर में स्थित है। यहां इस कार्य के के लिए बाकायदा खाता खोला जाता है पास बुक में खातेदार का खाता नंबर भी होता है।यह दुनिया का सबसे बड़ा बैंक है। सबसे बड़ी बात यह है कि राम नाम धन बैंक खाता धारकों को निशुल्क काफी उपलब्ध कराता है। साथ ही खाता धारकों द्वारा लिखे गए राम नाम की काफी का पूरा विवरण दर्ज किया जाता है। इसके बाद इसे डिटेल को कम्प्यूटर में भी फीड किया जाता है।
राम नाम धन बैंक द्वारा मुहैया कराई जाने वाली कॉपी में 25 हजार राम नाम लिखा जा सकता है। 84 लाख राम नाम लिखने के लिए 336 कॉपी की जरूरत होती है। अम्बिकापुर की राम भक्त महिला ने बताया कि अब तक वे 335 कॉपी पर भगवान राम का नाम लिख चुकी है। 336 वें कॉफी पर राम नाम लिख रहीं है. 22 जनवरी को उनकी 336 कॉपी पर राम नाम लिखने का काम पूरा हो जाएगा।इसके बाद वे कॉपी को राम नाम धन बैंक सौंप देंगी। उन्होंने बताया कि 2010 में अयोध्या गई थीं तब भगवान राम टेंट में थे। उन्होंने बताया कि प्राण प्रतिष्ठा के अवसर पर इनकी जाने की इच्छा है लेकिन भीड़भाड़ की वजह से नहीं जाएंगी लेकिन बाद में जरूर भगवान राम का दर्शन करने जाएंगी।
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