पूरे वित्त वर्ष 25 के लिए बॉश का कंसोलिडेटेड मुनाफा 19 प्रतिशत गिरकर 2,013 करोड़ रुपए रह गया है और यह वित्त वर्ष 24 में 2,490 करोड़ रुपए था। हालांकि, कंपनी की परिचालन आय में अच्छी वृद्धि हुई है, जो पिछले वित्त वर्ष की इसी तिमाही में 4,233 करोड़ रुपए से बढ़कर वित्त वर्ष 25 की चौथी तिमाही में 4,911 करोड़ रुपए हो गई है।
वित्त वर्ष 25 में कंपनी की वार्षिक आय में मजबूत वृद्धि देखी गई, जो पिछले वर्ष के 16,727 करोड़ रुपए से बढ़कर 18,087 करोड़ रुपए हो गई है।
वित्त वर्ष 25 की चौथी तिमाही के दौरान कंपनी के कुल व्यय में भी वृद्धि दर्ज की गई, जो कि पिछले वर्ष की समान तिमाही के 3,798.9 करोड़ रुपए से लगभग 15 प्रतिशत बढ़कर 4,369 करोड़ रुपए हो गया।
बॉश के प्रबंध निदेशक गुरुप्रसाद मुदलापुर ने कहा कि कंपनी ने बाजार की चुनौतियों के बावजूद मजबूत आय वृद्धि और सभी व्यावसायिक क्षेत्रों में बेहतर बिक्री के साथ वित्तीय वर्ष का समापन किया।
उन्होंने कहा कि भारत डिजिटलीकरण, विद्युतीकरण और सस्टेनेबिलिटी गतिशिलता पर बढ़ते फोकस के साथ एक प्रमुख ऑटोमोटिव हब बनने के लिए तैयार है। बॉश भारतीय बाजार में वृद्धि के बारे में आशावादी है। बोर्ड ने शेयरधारकों की मंजूरी के आधीन 10 रुपए के इक्विटी शेयर पर 512 रुपए का फाइनल डिविडेंड देने की सिफारिश की है।
इसके अलावा बोर्ड ने मुदलापुर को 1 जुलाई, 2026 से दो साल के कार्यकाल के लिए प्रबंध निदेशक के रूप में फिर से नियुक्त किया है। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज पर बॉश का शेयर 1,130 रुपए या 3.48 प्रतिशत की गिरावट के साथ 31,355 रुपए पर कारोबार कर रहे थे।
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