अग्नि पुराण और स्कंद पुराण के अनुसार गुरुवार के दिन व्रत रखने से धन, समृद्धि, संतान और सुख-शांति की प्राप्ति होती है। इस व्रत को किसी भी माह के शुक्ल पक्ष के पहले गुरुवार से शुरू कर सकते हैं। व्रत 16 गुरुवार तक करना चाहिए।
इसके अलावा, इस दिन विद्या की पूजा करने से भी ज्ञान में वृद्धि होती है। गुरुवार के दिन किसी गरीब या जरूरतमंद व्यक्ति को अन्न और धन का दान करने से भी पुण्य प्राप्त होता है।
मान्यता है कि केले के पत्ते में भगवान विष्णु का वास होता है। इसलिए गुरुवार के दिन केले के पत्ते की पूजा की जाती है। इस दिन व्रत शुरू करने के लिए आप सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करें, फिर मंदिर या पूजा स्थल को साफ करें और गंगाजल छिड़ककर शुद्ध करें।
आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि (दोपहर के 2 बजकर 6 मिनट तक) 3 जुलाई को पड़ रही है। इसी दिन सूर्य देव मिथुन राशि में रहेंगे, वहीं चंद्रमा कन्या राशि से तुला में प्रवेश करेंगे। दृक पंचांगानुसार, 3 जुलाई को अष्टमी तिथि सुबह 2 बजकर 6 मिनट तक रहेगी, फिर उसके बाद नवमी तिथि शुरू हो जाएगी। इस दिन अभिजीत मुहूर्त सुबह 11 बजकर 58 मिनट से 12 बजकर 53 मिनट तक रहेगा।
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