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Tuesday, December 9, 2025
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एनसीईआरटी का ‘ऑपरेशन सिंदूर’ शामिल करने का फैसला, पूर्व सैनिकों ने सराहा!

यह कदम युवाओं में देशभक्ति और राष्ट्रीय सुरक्षा के प्रति जागरूकता बढ़ाने में मील का पत्थर साबित होगा।

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राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) ने स्कूली पाठ्यपुस्तकों में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को शामिल करने का फैसला किया है। इसकी सेवानिवृत्त सैन्य अधिकारियों ने सराहना की है। उनका मानना है कि यह कदम युवाओं में देशभक्ति और राष्ट्रीय सुरक्षा के प्रति जागरूकता बढ़ाने में मील का पत्थर साबित होगा।

एनसीईआरटी की ओर से ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को पाठ्यपुस्तकों में शामिल करने पर कर्नल (सेवानिवृत्त) राजीव खाकेरा ने कहा, “जैसा कि आप जानते हैं, मेरे बैच से पता चलता है कि मैं सेना की वायु रक्षा (आर्मी एयर डिफेंस) से हूं।

‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान, चाहे वह गन सिस्टम हो या मिसाइल सिस्टम, सेना की वायु रक्षा इकाई ने बहुत ही शानदार प्रदर्शन किया है। मुझे बहुत खुशी है कि इस उपलब्धि को एनसीईआरटी ने स्कूली पाठ्यपुस्तकों में शामिल किया है। यह पूरे देश के बच्चों को पता होना चाहिए। यह उनके लिए एक प्रेरक कारक होगा, जो उन्हें सेना में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित करेगा।”

एनसीईआरटी की ओर से स्कूली पाठ्यपुस्तकों में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को शामिल किए जाने पर लेफ्टिनेंट कर्नल (सेवानिवृत्त) कपिल दत्त ने कहा, “एनसीईआरटी में इसे शामिल करना एक बहुत अच्छा निर्णय है। इससे युवा छात्र बहुत प्रोत्साहित होंगे और उन्हें ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बारे में विस्तार से जानने का मौका मिलेगा।”

वहीं, विंग कमांडर (सेवानिवृत्त) प्रफुल्ल बख्शी ने कहा, “स्कूली बच्चों, कॉलेज के छात्रों और आम जनता के लिए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बारे में जानना आवश्यक है, क्योंकि यह अब एक प्रतीक बन गया है, जो आतंकवाद के अंत का प्रतीक है।”

सेवानिवृत्त जनरल पीएस. मल्होत्रा ने इस कदम की सराहना करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘मन की बात’ जैसे प्रयासों की भी प्रशंसा की। उन्होंने कहा, “मुझे उम्मीद है कि ‘मन की बात’ 200 एपिसोड से भी आगे बढ़ेगा। प्रधानमंत्री जनता से पूरी तरह जुड़े हैं। ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को पाठ्यपुस्तकों में शामिल करना राष्ट्रीय पहचान को मजबूत करने वाला शानदार फैसला है।”

एनसीईआरटी की यह पहल अगले शैक्षणिक सत्र से लागू होने की उम्मीद है। इसे भारत की शिक्षा प्रणाली में सैन्य इतिहास और राष्ट्रीय गौरव को शामिल करने की व्यापक पहल का हिस्सा माना जा रहा है।​ 

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