पूर्वोत्तर में मानसून की पहली बारिश में ही हाहाकार मच गया। बारिश के चलते हो रहे भूस्खलन और बाढ़ ने परेशानी बढ़ा दी है। बाढ़ से सबसे ज्यादा हालात असम में बिगड़े हैं। यहां 20 जिलों के 764 गांवों में पानी भर गया और करीब चार लाख लोग प्रभावित हैं। दो लोगों की मौत हो चुकी है। इस बीच मौसम विभाग ने मूसलाधार बारिश की संभावना जताई है।
असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एएसडीएमए) की रिपोर्ट के मुताबिक कछार और श्रीभूमि जिलों में दो लोगों की जान चली गई। यहां पर इस साल बाढ़ और भूस्खलन में मरने वाले लोगों की कुल संख्या बढ़कर 10 हो गई है।
प्राधिकरण ने कहा कि कि कछार सबसे अधिक प्रभावित है, जहां एक लाख से अधिक लोग प्रभावित हैं। इसके बाद श्रीभूमि में 85,000 और नागांव में 62,000 लोग प्रभावित हैं। एएसडीएमए ने कहा कि वर्तमान में 764 गांव जलमग्न हैं और असम में 3,524.38 हेक्टेयर फसल क्षेत्र नष्ट हो गया है।
बाढ़ की विभीषिका को देखते हुए राहत व बचाव कार्य में राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) समेत कई एजेंसियां लगी हैं। प्रशासन वर्तमान में 12 जिलों में 155 राहत शिविर और राहत वितरण केंद्र संचालित कर रहा है। 10,272 विस्थापित लोगों की देखभाल कर रहा है। अफसरों ने बताया कि पिछले 24 घंटों के दौरान राज्य के बाढ़ पीड़ितों के बीच 1,090.08 क्विंटल चावल, 284.63 क्विंटल दाल, 952.76 क्विंटल नमक और 4,726.26 लीटर सरसों का तेल वितरित किया है।
बारिश के चलते राज्य की नदियां उफान पर हैं। ब्रह्मपुत्र नदी डिब्रूगढ़ और निमातीघाट में खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। इसकी सहायक नदियां नुमालीगढ़ में धनसिरी और कामपुर में कोपिली खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं।
बराक नदी बदरपुर घाट पर खतरे के निशान से ऊपर बह रही है, जबकि इसकी सहायक नदी कुशियारा श्रीभूमि में और मतिजुरी में कटाखल भी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। वहीं राज्य भर के कई जिलों में बाढ़ के पानी से तटबंध, सड़कें, पुल और अन्य बुनियादी ढांचे क्षतिग्रस्त हो गए हैं। बाढ़ और भूस्खलन से सड़क परिवहन, रेल यातायात और नौका सेवाएं भी प्रभावित हुईं।
मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने रविवार शाम को आगाह किया कि राज्य और पड़ोसी क्षेत्रों में लगातार भारी बारिश के कारण निचले इलाकों और नदी तटवर्ती इलाकों में रहने वाले लोगों के लिए स्थिति और खराब होने की संभावना है।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने स्थिति का जायजा लेने के लिए सरमा को फोन किया और हर संभव सहायता का आश्वासन दिया। असम-अरुणाचल प्रदेश सीमा से भारतीय वायुसेना के हेलीकॉप्टर ने चौदह फंसे हुए लोगों को निकाला गया।
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