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Friday, June 13, 2025
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मंगोलिया पहुंची भारतीय सैन्य टुकड़ी, बहुराष्ट्रीय अभ्यास ‘खान क्वेस्ट’ होगी शामिल

इस अभ्यास से सेनाओं के बीच भाईचारा, सहयोग और परस्पर संचालन क्षमता को भी मजबूती मिलेगी।

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भारतीय सेना की एक टुकड़ी बुधवार (11 जून) को मंगोलिया की राजधानी उलानबटार पहुंची, जहां वह 14 जून से 28 जून तक आयोजित होने वाले बहुराष्ट्रीय सैन्य अभ्यास ‘खान क्वेस्ट’ में हिस्सा लेगी। इस अभ्यास का आयोजन मंगोलिया की सेना व अमेरिका के सहयोग से किया जा रहा है, जिसमें दुनियाभर की सेनाएं भाग लेंगी।

रक्षा मंत्रालय के अनुसार, इस अभ्यास का मुख्य उद्देश्य वैश्विक सेनाओं के बीच शांति स्थापना अभियानों में सहयोग और क्षमता निर्माण को बढ़ावा देना है। इस वर्ष का आयोजन ‘खान क्वेस्ट’ का 22वां संस्करण है। अभ्यास में भाग लेने वाली भारतीय सैन्य टुकड़ी में कुमाऊं रेजिमेंट की एक बटालियन के 40 जवान शामिल हैं। इसके अतिरिक्त अन्य सैन्य अंगों के जवानों के साथ एक महिला अधिकारी और दो महिला सैनिक भी इस दल का हिस्सा हैं।

इस बहुराष्ट्रीय सैन्य अभ्यास की शुरुआत वर्ष 2003 में अमेरिका और मंगोलियाई सशस्त्र बलों के बीच एक द्विपक्षीय अभ्यास के रूप में हुई थी। बाद में, वर्ष 2006 से यह अभ्यास बहुराष्ट्रीय शांति अभ्यास में तब्दील हो गया। पिछला संस्करण जुलाई-अगस्त 2024 में आयोजित किया गया था।

इस बार का अभ्यास विशेष रूप से शांति अभियानों में सैनिकों की सामूहिक योजना, रणनीति, शारीरिक दक्षता और आपसी तालमेल पर केंद्रित रहेगा। इसमें मोबाइल चेक पोस्ट की स्थापना, घेराबंदी व तलाशी अभियान, गश्त, शत्रुतापूर्ण क्षेत्रों से नागरिकों की सुरक्षित निकासी जैसे अभियानों के अलावा विस्फोटक रोधी उपाय और प्राथमिक उपचार जैसे अभ्यास भी शामिल किए जाएंगे।

रक्षा मंत्रालय का कहना है कि ‘खान क्वेस्ट’ केवल सैन्य तैयारी का मंच नहीं, बल्कि यह भागीदार देशों के बीच रणनीति, तकनीक और प्रक्रियाओं के आदान-प्रदान का एक महत्वपूर्ण अवसर भी है। इससे सेनाओं के बीच भाईचारा, सहयोग और परस्पर संचालन क्षमता को भी मजबूती मिलेगी।

गौरतलब है कि भारत और मंगोलिया की सेनाएं पहले से ही संयुक्त अभ्यास ‘नोमैडिक एलीफेंट 2025’ में भी शामिल हैं, जो मंगोलिया के विशेष बल प्रशिक्षण केंद्र में 13 जून तक आयोजित किया जा रहा है। इस अभ्यास का मुख्य उद्देश्य अर्ध-पर्वतीय क्षेत्रों में आतंकवाद विरोधी अभियानों का प्रशिक्षण है, जो वर्तमान वैश्विक सुरक्षा परिदृश्य को देखते हुए अत्यंत महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

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