इस्राइल और ईरान के बीच जारी सैन्य संघर्ष ने बुधवार को और खतरनाक मोड़ ले लिया, जब ईरान की इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (IRGC) ने दावा किया कि उन्होंने Fattah-1 हाइपरसोनिक मिसाइल इस्राइल की राजधानी तेल अवीव पर दागी है। यह पहली बार है जब इस युद्ध में इस मिसाइल का इस्तेमाल हुआ है।
इस हमले के कुछ ही घंटों पहले अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान से ‘बिना शर्त आत्मसमर्पण’ की मांग करते हुए एक आक्रामक बयान जारी किया था। ट्रंप की धमकी के तुरंत बाद हुए इस मिसाइल हमले ने पश्चिम एशिया की पहले से ही सुलगती आग में घी डाल दिया है।
बुधवार (18 जून)सुबह ईरान से दागी गई कई मिसाइलों के बाद तेल अवीव में जोरदार धमाके सुने गए। इसके जवाब में इस्राइली वायुसेना ने तेहरान के आसपास के इलाकों में हवाई हमले किए।
बीबीसी के अनुसार, ईरान की सेना ने कहा है कि उन्होंने बुधवार को ‘Fattah-1’ हाइपरसोनिक मिसाइल का प्रयोग किया, जो “400 सेकंड में तेल अवीव पहुंच सकती है”। इसका पहली बार खुलासा 2023 में किया गया था। तेहरान के 18वें जिले के नागरिकों को विस्फोट से पहले खाली कराया गया। ईरानी मीडिया ने तेहरान और करज में धमाकों की पुष्टि की है।
ईरान के स्वास्थ्य मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार, इस्राइली हमलों में अब तक 585 लोगों की मौत हो चुकी है और 1,326 लोग घायल हैं। वहीं इस्राइल के आपातकालीन विभाग ने बताया कि ईरान के हमलों में 24 लोग मारे गए हैं और 1300 से ज्यादा घायल।
400 से अधिक मिसाइलें: पिछले शुक्रवार से ईरान ने 400 से ज्यादा मिसाइलें और सैकड़ों ड्रोन इस्राइल पर दागे हैं। इस्राइली अधिकारियों के मुताबिक, हमलों से 40 से ज्यादा स्थानों को नुकसान पहुंचा है और करीब 19,000 मुआवजा दावे टैक्स विभाग में दर्ज किए गए हैं। 3,800 से ज्यादा लोगों को घर खाली करने पड़े हैं।
डोनाल्ड ट्रंप ने G7 सम्मेलन बीच में छोड़कर मिडिल ईस्ट की ओर ध्यान केंद्रित किया है। उन्होंने ट्रुथ सोशल पर लगातार धमकी भरे संदेश दिए, जिनमें लिखा था, “हम खमेनेई की लोकेशन जानते हैं… लेकिन अभी उसे मारने का इरादा नहीं है। हमारा संयम अब टूट रहा है। अब ईरान को ‘बिना शर्त आत्मसमर्पण’ करना होगा!”
वहीं, अमेरिकी रक्षा विभाग ने मध्य-पूर्व में अधिक फाइटर जेट्स तैनात करने की पुष्टि की है। कई युद्धाभ्यास मिशनों को भी बढ़ा दिया गया है।
ईरान के सर्वोच्च नेता आयतुल्ला अली खमेनेई ने ट्रंप की चेतावनी के बाद अपनी पहली सार्वजनिक प्रतिक्रिया में लिखा, “युद्ध शुरू हो चुका है। अली खैबर लौट आया है। हम ज़ायोनिस्ट शासन पर रहम नहीं करेंगे।” वहीं ईरान के पूर्व शहंशाह के पुत्र रेज़ा पहलवी, जो निर्वासन में हैं, ने इस्लामी सरकार को गिराने की अपील की और दावा किया कि “खमेनेई जमीन के नीचे छिपे हैं और नियंत्रण खो चुके हैं।”
ईरान और इस्राइल के बीच बढ़ते इस संघर्ष ने पूरे क्षेत्र में युद्ध की आशंका को और प्रबल कर दिया है। ट्रंप की खुली चेतावनियों और ईरान की मिसाइल कार्रवाइयों के बीच अब यह सवाल खड़ा हो गया है — क्या यह टकराव प्रत्यक्ष अमेरिकी हस्तक्षेप की ओर बढ़ रहा है? और क्या आने वाले दिन किसी बड़े क्षेत्रीय युद्ध की आहट हैं?
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