ओ.पी. जिंदल ग्लोबल यूनिवर्सिटी (JGU) ने वैश्विक शिक्षा के क्षेत्र में एक नया मील का पत्थर स्थापित करते हुए कैंब्रिज यूनिवर्सिटी के दो प्रतिष्ठित कॉलेजों — लूसी कैवेंडिश कॉलेज और मरि एडवर्ड्स कॉलेज — के साथ आधिकारिक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए हैं। इस साझेदारी का उद्देश्य शैक्षणिक नवाचार, समावेशिता, और वैश्विक सहयोग को बढ़ावा देना है।
इस सहयोग के पहले चरण में, JGU दो विशेष स्टडी-अब्रॉड प्रोग्राम शुरू करेगा। लूसी कैवेंडिश कॉलेज में ‘कमर्शियल लॉ एंड कॉरपोरेट गवर्नेंस’ और मरि एडवर्ड्स कॉलेज में ‘इरा ऑफ फिनटेक: ब्लॉकचेन, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एंड डिजिटल इन्क्लूजन’ नामक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। इन प्रोग्रामों में JGU के लगभग 100 छात्र भाग लेंगे, जिन्हें विश्व के सर्वश्रेष्ठ विद्वानों से ज्ञान प्राप्त करने का अवसर मिलेगा।
कुलपति प्रो. (डॉ.) सी. राज कुमार ने इस पहल को भारत-ब्रिटेन शैक्षणिक साझेदारी के लिए ऐतिहासिक बताते हुए कहा, “यह केवल एक औपचारिक समझौता नहीं, बल्कि शिक्षा के भविष्य को आकार देने वाला साझा मिशन है। यह साझेदारी वैश्विक नागरिकता, नवाचार और संवाद को बढ़ावा देगी।”
कैंब्रिज यूनिवर्सिटी की ओर से भी उत्साहपूर्वक प्रतिक्रिया मिली। लूसी कैवेंडिश कॉलेज की अध्यक्ष प्रो. डेम मैडेलीन एटकिंस ने कहा कि उन्हें इस सहयोग पर गर्व है, जबकि मरि एडवर्ड्स कॉलेज की बिजनेस डेवलपमेंट मैनेजर एम्मा हिल्डिच ने भारतीय छात्रों का स्वागत करते हुए लंबे सहयोग की आशा जताई।
JGU के वरिष्ठ शिक्षकों और प्रशासकों ने भी इस समझौते की सराहना की। प्रो. पद्मनाभ रामानुजम ने इसे वैश्विक शिक्षा को अधिक न्यायसंगत और सुलभ बनाने की दिशा में एक कदम बताया। प्रो. करण लतायन ने कहा कि यह साझेदारी छात्रों को वैश्विक परंपराओं से जोड़ते हुए उन्हें नवाचार और बौद्धिक उत्कृष्टता की ओर प्रेरित करेगी। वहीं, लॉ स्कूल की प्रोफेसर आकृति त्रिपाठी ने इसे कानूनी शिक्षा में नए आयाम खोलने वाला कदम बताया।
JGU के प्रोफेसर डॉ. अखिल भारद्वाज ने इसे विश्वविद्यालय की रणनीतिक वैश्विक दृष्टि की पुष्टि बताते हुए कहा कि यह छात्रों के अंतरराष्ट्रीय अनुभव, नेतृत्व क्षमता और करियर संभावनाओं को व्यापक रूप से उभारने में सहायक होगा।
गौरतलब है कि JGU को लगातार तीन वर्षों तक क्यूएस वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग में भारत का नंबर 1 निजी विश्वविद्यालय घोषित किया गया है। इसके अंतर्गत कार्यरत जिंदल ग्लोबल लॉ स्कूल को भी भारत का शीर्षस्थ लॉ स्कूल माना गया है और विश्व स्तर पर भी इसे क्यूएस की रैंकिंग में 78वां स्थान प्राप्त है।
यह समझौता न केवल भारत की उच्च शिक्षा को वैश्विक मंच पर स्थापित करता है, बल्कि छात्रों को वैश्विक चुनौतियों का सामना करने हेतु सशक्त बनाने का अवसर भी प्रदान करता है।
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