गुजरात के जूनागढ़ में एक दरगाह को हटाने के लिए जूनागढ़ म्युनिसिपल कार्पोरेशन द्वारा दिए गए नोटिस पर बवाल हो गया है। बीते रात उपद्रवियों ने जमकर बवाल काटा और मजेवड़ी थाने हमला बोल दिया। जिसमें डीएसपी रैंक के अधिकारी पीएसआई और पुलिस कर्मी घायल हुए हैं। बताया जा रहा है कि यहां के मजेवाड़ी दरवाजा के पास बनी दरगाह को पांच दिन के अंदर हटाने और इसके वैध कागजात दिखाने को कहा गया था। इससे मुस्लिम समुदाय नाराज हो गया और जमकर उपद्रव मचाया। नोटिस में यह भी कहा गया था कि दरगाह को हटाने में जो खर्च आएगा उसे दरगाह कमिटी से वसूला जाएगा।
इस घटना के बाद बताया जा रहा है कि जूनागढ़ में हिंसा के बाद तनाव बना हुआ है। पुलिस की कई टुकड़ियां यहाँ पर गश्त कर रही हैं। इस घटना के बाद 174 लोगों को हिरासत में लिया गया है। पुलिस हिरासत में लिए गए लोगों से पूछताछ कर रही है। वहीं इस घटना में एक स्थानीय नागरिक की मौत हो गई है। बताया जा रहा है कि दरगाह पर नोटिस लगाए जाने के मुस्लिम समुदाय के लोग नाराज हो गए। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि 500 -600 लोग अचानक एकत्रित हो गए और मजेवडी थाने पर एकत्रित हो गए और हमला बोल दिया। इस दौरान उपद्रवियों ने एक सरकारी वाहन में भी आग लगा दी।
जूनागढ़ के एसपी ने बताया कि दरगाह को नगर निगम ने पांच दिन के अंदर वैध दस्तावेज दिखाने को बोला था। लेकिन लोगों ने दस्तावेज दिखाने के बजाय 500 से 600 लोग एकत्रित होकर सड़क को जाम करने की फिराक में थे। जबकि पुलिस ने इन लोगों को समझाने की कोशिश की। लेकिन उपद्रवियों ने पुलिस और वाहनों पर पत्थरबाजी की। इस दौरान पुलिस भीड़ को तितर बितर के लिए लाठी भांजी और आंसू गैस के गोले दागे।
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