उत्तर प्रदेश के बांगर गांव में डॉ भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा के अनावरण के दौरान मंगलवार को केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने जम्मू-कश्मीर में आतंकवादियों द्वारा की जा रही कश्मीरी पंडितों की हत्या पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि ‘एक भी हत्या, किसी मासूम की हत्या, इससे बड़ा जघन्य अपराध कोई हो ही नहीं सकता और भारतीय होने के नाते उन्हें शर्मिंदगी महसूस हो रही है।’ उन्होंने कहा कि ‘‘अगर मेरे देश के एक भी व्यक्ति को अपना घर छोड़ना पड़े और शरणार्थी बनना पड़े तो इसे लेकर जितनी शर्म करें उतना कम है।
दरअसल पूर्ववर्ती राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला से जम्मू-कश्मीर में कश्मीरी पंडित पूरन कृष्ण की हत्या के बारे में सवाल पूछा गया था जिसके बाद मीडिया से फारूक अब्दुल्ला ने कहा था कि ये बंद होने वाला नहीं है, जब तक इंसाफ नहीं मिल जाता है, ऐसा चलता रहेगा।’ हालांकि इस बात को लेकर जब खान से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि फारूक अब्दुल्ला अपने पद की मर्यादा को ध्यान में रखते हुए किसी राजनीतिक विषय पर टिप्पणी नहीं करना चाहते थे।
हालांकि खान ने भविष्य में चीजें सुधरने की आशा जताते हुए कहा कि इस वक्त जम्मू- कश्मीर का प्रशासन, इसे नियंत्रित करने की भरसक कोशिश कर रहा है। महिलाओं की स्थिति बदतर होने के सवाल पर उन्होंने कहा कि महिलाओं की जो स्थिति होनी चाहिए वह नहीं है, लेकिन इसे बदतर कहना ठीक नहीं होगा। उन्होंने कहा कि महिलाओं में चेतना पैदा हुई है, पहले 12-13 वर्ष की बच्ची दरवाजे की चौखट पर पैर नहीं रख सकती थी, लेकिन पिछले कई साल से बसी गांव की 50 से ज्यादा लड़कियां शिक्षा लेने के लिए साइकिल चलाकर सात किलोमीटर दूर जाती हैं। उन्होंने कहा कि महिलाओं की हालत बाबा साहब भीम राव आंबेडकर के बनाये गये कानून के जरिये बदली है। हालांकि खान ने यह भी कहा कि यह सब जानते हैं कि बाबा साहब ने संविधान बनाया है लेकिन इस बारे में कम बात होती है कि भारत में महिलाओं की हालत जो बदली है वह बाबा साहब के लाए गए कानून के जरिए हुआ है।
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