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अधिक फ़ीस की वजह से आम आदमी से दूर है न्याय: कानून मंत्री रिजिजू      

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केंद्रीय कानून मंत्री किरण रिजिजू ने शनिवार को वकीलों द्वारा अधिक कानूनी फीस लेने पर चिंता जाहिर की उन्होने कहा कि ज्यादा फ़ीस की वजह से देश के गरीबों और शोषित लोग तक न्याय नहीं पहुँच पाता। जिसकी वजह से हाशिए पर खड़े लोग से न्याय व्यवस्था कोसो दूर है। रिजिजू ने यह बात राजस्थान के जयपुर में 18वीं अखिल भारतीय कानूनी सेवा प्राधिकरण की बैठक में कही।

इस दौरान उन्होंने कहा देखा गया है कि सुप्रीम कोर्ट में बहस और फैसला अंग्रेजी में होता है। सलाह देते हुए कहा कि हमारा मानना है कि निचली अदालतों और हाई कोर्ट में बहस और फैसला क्षेत्रीय और स्थानीय भाषा में होना चाहिए। उन्होंने कहा कि न्याय के दरवाजे सभी के लिए खुले रहने चाहिए। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि अंग्रेजी बोलने वाले लोगों को अधिक सम्मान फ़ीस या अधिक केस मिलने के पक्ष में नहीं है।

रिजिजू ने कहा कि लोगों को न्याय दिलाने के लिए अदालत और सरकार के बीच अच्छी तालमेल होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि अमीर लोग बड़े वकीलों का खर्च उठा सकते हैं। लेकिन आम आदमी तक उनकी पहुंच न के बराबर है। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट में ऐसे वकील हैं जिनकी फीस आम आदमी नहीं उठा सकता। वे एक सुनवाई के लिए 10-15 लाख रुपये लेते हैं। तो एक आम आदमी इतनी बड़ी रकम कहां से और कैसे चुका सकता है।

इस दौरान कानून मंत्री ने कहा कि सोमवार से शुरू होने वाले संसद के मानसून सत्र में 71 निष्क्रिय अधिनियमों को खत्म कर दिया जायेगा। बैठक में राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी उपस्थित थे। इस दौरान  रिजिजू ने कहा कि देश में लंबित केसों की संख्या लगातार बढ़ रही है जो चिंता का विषय है। उन्होंने कहा कि देश पांच करोड़ से ज्यादा केस लंबित पड़े हुए हैं।

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