पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (PPP) के नेता और पूर्व विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो ज़रदारी ने एक इंटरव्यू में कहा है कि आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद का सरगना मसूद अजहर की मौजूदगी को लेकर पाकिस्तान को कोई जानकारी नहीं है। उन्होंने कहा, “हो सकता है कि वह अफगानिस्तान में हो, क्योंकि उसने अफगान जिहाद में भाग लिया था।”
अल जज़ीरा को दिए इंटरव्यू में बिलावल ने कहा, “ये संभव नहीं कि पाकिस्तान वह कर सके जो NATO अफगानिस्तान में नहीं कर सका। पश्चिमी सेनाएं अफगानिस्तान से लौट चुकी हैं, और अब तालिबान की सरकार है।” उन्होंने जोर दिया कि पाकिस्तान को किसी ऐसे व्यक्ति की गतिविधियों से कोई फायदा नहीं, जो आतंकवाद से जुड़ा हो।
भुट्टो ने दावा किया कि अगर भारत सरकार यह प्रमाण दे कि मसूद अजहर पाकिस्तान में है, तो पाकिस्तान उसे गिरफ्तार करने के लिए तैयार है। उन्होंने कहा, “अगर और जब भारत यह जानकारी हमारे साथ साझा करता है कि वह पाकिस्तानी ज़मीन पर है, तो हम खुशी से कार्रवाई करेंगे। अभी तक भारत ने ऐसा कोई सबूत हमारे साथ साझा नहीं किया है।”
गौरतलब है कि मसूद अजहर भारत के सबसे वांटेड आतंकियों में शामिल है। वह 2001 में संसद पर हमले, 26/11 मुंबई हमले, 2016 के पठानकोट एयरबेस हमले और 2019 के पुलवामा आत्मघाती हमले जैसे कई बड़े आतंकी मामलों में वांछित है। अजहर को 1999 में कंधार विमान अपहरण मामले में बंधकों के बदले रिहा किया गया था। 2019 में संयुक्त राष्ट्र ने उसे वैश्विक आतंकी घोषित किया था।
न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, लश्कर-ए-तैयबा का संस्थापक हाफिज सईद “खुलेआम घूम” रहा हैं — इस पर भी भुट्टो ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “यह तथ्यात्मक रूप से गलत है। हाफिज सईद पाकिस्तान की हिरासत में हैं।”
भुट्टो का यह बयान ऐसे समय पर आया है जब भारत ने 7 मई को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान और पीओके में जैश और लश्कर के कम से कम 9 आतंकी अड्डों को निशाना बनाया था। यह कार्रवाई 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में की गई थी, जिसमें पाकिस्तान-समर्थित आतंकियों ने 26 लोगों की जान ली थी — जिनमें अधिकतर पर्यटक थे। इस हमले में मसूद अजहर के दस परिजन और चार करीबी सहयोगी मारे जाने की पुष्टि खुद अजहर ने की थी।यह बयान भारत-पाकिस्तान के बीच आतंकवाद को लेकर चली आ रही पुरानी तनातनी के बीच एक और कड़ी के रूप में देखा जा रहा है।
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