27.6 C
Mumbai
Thursday, July 17, 2025
होमवीडियो गैलरीविविधासदियों पुराना औषधीय वरदान, प्राकृतिक चमत्कार है ‘सांठी’!

सदियों पुराना औषधीय वरदान, प्राकृतिक चमत्कार है ‘सांठी’!

Google News Follow

Related

आधुनिक दवाओं की दौड़ के इस दौर में एक बार फिर आयुर्वेदिक खजाना ‘सांठी’ चर्चा में है — न कोई साइड इफेक्ट, न रासायनिक तत्व — सिर्फ प्राकृतिक उपचार। भारत के कई हिस्सों में पाई जाने वाली यह जड़ी-बूटी सदियों से पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियों में उपयोग की जाती रही है और अब विशेषज्ञ इसे फिर से चिकित्सा के केंद्र में लाने की बात कर रहे हैं।

‘सांठी’ जिसे ‘स्प्रेडिंग हॉगवीड’ या वैज्ञानिक भाषा में Trianthema portulacastrum कहा जाता है, एक ऐसा औषधीय पौधा है जो जमीन पर फैलकर बढ़ता है और भारत के कई हिस्सों में सामान्य रूप से पाया जाता है। इसे क्षेत्रीय भाषाओं में कई नामों से जाना जाता है — पुनर्नवा (मराठी), उपोथाकी (संस्कृत), अम्बातिमादु (तेलुगु), मुकरताई (तमिल), पसाले सोप्पु (कन्नड़) और पुरिनी साबूदाना (ओड़िया)।

चिकित्सकों के अनुसार, सांठी उन लोगों के लिए विशेष रूप से लाभकारी है जिनका लिवर दर्दनिवारक दवाओं या स्टेरॉयड के अत्यधिक उपयोग से कमजोर हो गया है। इसकी जड़ से बना काढ़ा लीवर की कार्यक्षमता को बेहतर बनाता है और विषैले तत्वों को बाहर निकालने में मदद करता है।

सांठी में पाए जाने वाले फाइबर और एंटी-डायबिटिक तत्व शरीर के मेटाबॉलिज्म को बढ़ाते हैं और ब्लड शुगर को नियंत्रित रखने में मदद करते हैं। वजन घटाने की चाहत रखने वाले लोगों के लिए इसका सीमित उपयोग फायदेमंद हो सकता है।

आयुर्वेद के अनुसार, सांठी महिलाओं की अनियमित मासिक धर्म (एमेनोरिया) और यौन स्वास्थ्य संबंधी कई समस्याओं में भी लाभकारी मानी जाती है। इसकी जड़ से तैयार काढ़ा इन समस्याओं के लिए पारंपरिक रूप से इस्तेमाल किया जाता रहा है।

इसके मांसल पत्तों का उपयोग घाव पर पट्टी या पुल्टिस के रूप में किया जाता है, जिससे घाव जल्दी भरते हैं। सांठी का पारंपरिक उपयोग गठिया, बुखार, त्वचा रोगों और पाचन संबंधित समस्याओं में भी किया गया है।

इस पौधे में फ्लेवोनोइड्स, एल्कलॉइड्स और ग्लाइकोसाइड्स जैसे बायोएक्टिव यौगिक मौजूद हैं, जो इसके औषधीय गुणों को अत्यधिक प्रभावशाली बनाते हैं। यही कारण है कि आज यह पौधा फार्मास्युटिकल और कॉस्मेटिक इंडस्ट्री दोनों में रुचि का केंद्र बन चुका है।

‘सांठी’ केवल एक जड़ी-बूटी नहीं, बल्कि एक संपूर्ण औषधीय प्रणाली है। जहां आज सिंथेटिक दवाएं तेजी से शरीर पर असर करती हैं लेकिन साथ ही कई दुष्प्रभाव भी छोड़ती हैं, वहीं सांठी जैसे पौधे पूरी तरह से प्राकृतिक और सुरक्षित विकल्प प्रदान करते हैं।

विशेषज्ञों और आयुर्वेदाचार्यों की मानें तो अब समय आ गया है कि हम फिर से प्रकृति की ओर लौटें — और सांठी जैसे पौधों को चिकित्सा जगत में उनका उचित स्थान दें।

यह भी पढ़ें:

अजीत कुमार के पोस्टमॉर्टम में 44 चोटें, ब्रेन डैमेज और भीषण शारीरिक यातना के सबूत!

त्रिनिदाद और टोबैगो में पीएम मोदी को याद आए ब्रायन लारा के पुल शॉर्ट्स और कव्हर ड्राइव !

एक दशक बाद अमेरिका पहुंचे पाकिस्तानी एयरफोर्स प्रमुख,

केरल में 20 दिन से खड़ा ब्रिटिश के F-35B फाइटर जेट कैसे किया जाएगा डिसमेंटल!

National Stock Exchange

लेखक से अधिक

कोई जवाब दें

कृपया अपनी टिप्पणी दर्ज करें!
कृपया अपना नाम यहाँ दर्ज करें

The reCAPTCHA verification period has expired. Please reload the page.

Star Housing Finance Limited

हमें फॉलो करें

98,617फैंसलाइक करें
526फॉलोवरफॉलो करें
256,000सब्सक्राइबर्ससब्सक्राइब करें

अन्य लेटेस्ट खबरें