भारत का शेयर बाजार आज एक अभूतपूर्व गति से आगे बढ़ रहा है। एक समय था जब इसे केवल अमीरों और बड़े व्यापारियों सीमित क्लब था। लेकिन समय के साथ यह छवि बदली है और आज यह बाजार आम आदमी तक पहुँच चुका है। वेतनभोगी वर्ग से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों तक लोग अब SIP और अन्य माध्यमों से निवेश कर रहे हैं। कौन लोग हैं जो सामान्य निवेशक को शेयर बाजार की ओर लेकर आए? लिस्ट बहुत बड़ी है लेकिन अनिल सिंघवी इस नाम के बगैर यह पूरी नहीं हो सकती।
इस व्यापक बदलाव के पीछे कई विशेषज्ञों और संस्थानों की भूमिका रही है, लेकिन ज़ी बिज़नेस के मैनेजिंग एडिटर अनिल सिंघवी का योगदान विशेष रूप से उल्लेखनीय है। उन्होंने न केवल बाजार की जटिलताओं को सरल किया, बल्कि आम दर्शकों तक इसकी पहुँच भी सुनिश्चित की।
व्यक्तित्व और प्रस्तुति की शैली: अनिल सिंघवी का व्यक्तित्व उतना ही आकर्षक है जितना उनका बाजार विश्लेषण प्रभावशाली। उनका मुस्कराता चेहरा, मधुर आवाज़ और सरल भाषा का प्रयोग, दर्शकों से उन्हें तुरंत जोड़ देता है। वे जिस आत्मीयता से बात करते हैं, वह लोगों को विश्वास दिलाती है कि शेयर बाजार समझना मुश्किल नहीं है।
ग्रामीण भारत तक निवेश की पहुँच: जहाँ पहले निवेशकों की संख्या मुंबई, दिल्ली, पुणे, अहमदाबाद जैसे महानगरों तक सीमित थी, आज यह परिदृश्य पूरी तरह बदल चुका है। अब बिहार, झारखंड, छत्तीसगढ़ और उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों के छोटे कस्बों और गाँवों में भी लोग बाजार की गतिविधियों में रुचि लेने लगे हैं। यह बदलाव तब संभव हुआ जब बाजार की भाषा को सरल और जनमानस की समझ में आने योग्य बनाया गया। इसमें अनिल सिंघवी की भूमिका एक मीडिया शिक्षक की तरह रही है।
टीवी शोज़ और व्यापक प्रभाव: उनके लोकप्रिय कार्यक्रम जैसे मार्केट स्ट्रैटेजी, स्टॉक ऑफ द डे और एडिटर टेक टीयर-2 और टीयर-3 शहरों में खासे लोकप्रिय हैं। लोग मोबाइल और टीवी पर नियमित रूप से उनके विश्लेषण सुनते हैं और उसी के आधार पर अपने निवेश निर्णय भी लेते हैं।
विश्लेषण की त्रि-आयामी दृष्टि: अनिल सिंघवी न केवल टेक्निकल और फंडामेंटल विश्लेषण में माहिर हैं, बल्कि वे सेंटीमेंट एनालिसिस को भी बराबर महत्व देते हैं। वे मानते हैं कि बाजार केवल आँकड़ों का खेल नहीं, बल्कि भावनाओं और मनोवृत्तियों का भी दर्पण है।
अनुशासन और समर्पण: उनकी दिनचर्या अनुशासित है , सुबह 5 बजे उठना, 7 बजे ऑफिस पहुँचना और 8 बजे पहला लाइव शो करना। यह दिनचर्या न केवल उनकी मेहनत को दर्शाती है, बल्कि इस क्षेत्र में उनकी दीर्घकालिक सफलता का आधार भी है।
शिक्षा और करियर का आरंभ: चित्तौड़गढ़ में जन्मे अनिल सिंघवी की प्रारंभिक शिक्षा चेन्नई के आश्रम मैट्रिकुलेशन हायर सेकेंडरी स्कूल में हुई। बाद में उन्होंने कॉमर्स में डिग्री प्राप्त की, चार्टर्ड अकाउंटेंट और कंपनी सेक्रेटरी की उपाधियाँ हासिल कीं। वे चाहें तो किसी बड़ी कंपनी में कार्य कर सकते थे, लेकिन उन्होंने पत्रकारिता को अपना कर्मक्षेत्र बनाया।
उन्होंने वर्ष 2004 में CNBC में कार्यकारी संपादक के रूप में अपनी पत्रकारिता यात्रा शुरू की और 17 वर्षों बाद ज़ी बिज़नेस में शामिल हुए। आज वे वहाँ की पहचान बन चुके हैं।
मूल्य और मौलिकता: उनकी प्रस्तुति में जो मौलिकता है, वही उन्हें विशिष्ट बनाती है। वे कहते हैं, “नकल करके आप राजू श्रीवास्तव बन सकते हैं, लेकिन शाहरुख खान नहीं।” उनका यह कथन उनके आत्मविश्वास और मौलिक सोच को दर्शाता है।
निवेश शिक्षा में योगदान: अनिल सिंघवी ने शेयर बाजार के विश्लेषण को जटिल और डरावना बनाने के बजाय, उसे रोचक और संवादात्मक बना दिया। उन्होंने हजारों दर्शकों को निवेश से जोड़ा, उनका आत्मविश्वास बढ़ाया और वित्तीय जागरूकता में क्रांति लाई।
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