मेरी फूड स्टोरी केवल व्यंजनों का संग्रह भर नहीं है, बल्कि यह भारत की पारंपरिक पौध-आधारित सामग्रियों और स्थानीय जैव विविधता का उत्सव है। यहां हम उन रचनात्मक रेसिपीज़ को सामने ला रहे हैं, जिन्हें हाल ही में आयोजित रेसिपी प्रतियोगिता के प्रतिभागियों ने हमारे साथ साझा किया।
कोविड-19 लॉकडाउन का समय हर किसी के लिए चुनौतीपूर्ण था। घर में रहते हुए मैंने अपनी रसोई में नए प्रयोग करने शुरू किए। खाना पकाना मेरे लिए न केवल तनाव दूर करने का तरीका बना, बल्कि यह रचनात्मकता को जीने का जरिया भी साबित हुआ।
इन्हीं प्रयोगों के दौरान मैंने मोरिंगा (सहजन पत्ता) को अपनाया| यह पौधा पोषक तत्वों से भरपूर है और लंबे समय से सुपरफूड के रूप में जाना जाता है। धीरे-धीरे मैंने मोरिंगा सॉस, चिकन मोरिंगा सालामी और मोरिंगा मसाला चाय जैसी नई डिशेज़ तैयार कीं।
इन सबमें से मोरिंगा सॉस सबसे खास लगा। इसका स्वाद अनोखा था, स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद था और यह बाजार में मिलने वाले किसी भी सॉस से बिल्कुल अलग था।
इसी से प्रेरित होकर मैंने सोचा कि क्यों न इसे बड़े स्तर पर लोगों तक पहुंचाया जाए। मैंने खाद्य निर्माताओं से जुड़ने की कोशिश शुरू की, ताकि इस सुपरफूड सॉस को एक प्रोडक्ट के रूप में लॉन्च किया जा सके।
मोरिंगा सॉस बनाने की विधि
सबसे पहले 250–300 ग्राम ताज़े मोरिंगा पत्तों को साफ करें और डंठल या सूखे हिस्से हटा दें। इन्हें दो मिनट भाप में पकाकर तुरंत ठंडे पानी में डाल दें। अब पत्तों को लहसुन की कलियों, चीज़, अखरोट/काजू और थोड़ा सेंधा नमक डालकर पीसें।
पानी न मिलाएं, केवल 2–3 चम्मच ऑलिव ऑयल डालें। पेस्टो को दरदरा या चिकना अपनी पसंद अनुसार पीस लें। तैयार मिश्रण को कटोरे में निकालें, बचा हुआ ऑलिव ऑयल मिलाएं और साफ कांच की बोतल में भरें। ऊपर से ऑलिव ऑयल की परत डालकर लंबे समय तक सुरक्षित रखें।



