सूत्रों के अनुसार अब तक दर्ज चश्मदीदों के बयानों के आधार पर 3डी मैपिंग की जाएगी। इससे आतंकियों की एंट्री और एग्जिट पॉइंट की पुख्ता जानकारी मिल पाएगी। 3डी मैपिंग के जरिये आतंकियों के भागने के सही रास्तों की जानकारी भी मिलेगी।
इससे पहले, बुधवार को एनआईए की टीम ने करीब सात घंटे तक बायसरन घाटी में जांच की। टीम के साथ जम्मू कश्मीर पुलिस की बोम डिस्पोजल स्क्वायड (बीडीएस) और फोरेंसिक की टीमें भी थीं। सूत्रों ने बताया कि एनआईए की टीम वहां सबूत इकट्ठा करने और तथ्य खंगालने के लिए घटनास्थल गई थी।
घटनास्थल से इकट्ठा किए गए सैंपल्स और पूछताछ के दौरान घोड़े वालों और बायसरन में काम करने वाले अन्य लोगों के बयान की भी पड़ताल की जाएगी। बायसरन घाटी के आसपास तीन किलोमीटर के दायरे को खंगाला जा रहा ताकि हमलावर आतंकियों के आने जाने के रूट के बारे में सुराग हाथ लग सके।
बता दें कि मंगलवार को पहलगाम थाने में एनआईए की टीम 100 से ज्यादा लोगों के बयान दर्ज कर चुकी है। इनमें जिपलाइन ऑपरेटर मुजम्मिल भी शामिल है जिसपर आरोप है कि आतंकियों के फायरिंग की आवाज सुनने पर उसने तीन बार ”अल्लाह हू अकबर” कहा और पर्यटक को भेज दिया।
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को आतंकियों ने पर्यटकों पर अंधाधुंध गोलियां बरसा कर 26 लोगों की नृशंस हत्या कर दी। सेना की वर्दी में आए दहशतगर्दों ने पहलगाम की बायसरन घाटी में पर्यटकों से पहले उनका धर्म पूछा, परिचय पत्र देखे और फिर हिंदू हो कहकर गोली मार दी। 26 मृतकों में ज्यादातर पर्यटक हैं, जबकि दो विदेशी और दो स्थानीय नागरिक शामिल हैं।
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