महाराष्ट्र सरकार के मंत्री नितेश राणे की हालिया टिप्पणी’सोच कर खरीदें’ को समाजवादी पार्टी के नेता अबू आजमी ने अत्यधिक निंदनीय और देश को धार्मिक आधार पर विभाजित करने बताने में लगें है। इस टिप्पणी के संदर्भ में आजमी ने प्रतिक्रिया देकर आतंकवाद और धर्म के बीच भेदभाव समझने की कोशिश की है। आजमी ने फिर एक बार ‘आतंकवाद का कोई धर्म नहीं होता’ यह राग अलापा है। उनका कहना है की पहलगाम हिंसा की निंदा देश के सभी मुसलमानों ने एकजुट होकर की थी।
मीडिया से बातचीत करते हुए आजमी ने कहा, “पहलगाम में आतंकियों ने धर्म पूछकर हमला किया, और देश के मुसलमानों ने इस हिंसा की कड़े शब्दों में निंदा की थी। सभी ने कार्रवाई की मांग की थी। लेकिन अगर कोई मंत्री धर्म के आधार पर सामान खरीदने की बात करता है, तो यह सोच न केवल गलत है, बल्कि यह संविधान और समानता के खिलाफ है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए, क्योंकि संविधान सबको समान अधिकार देता है।” उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि इस तरह की टिप्पणियां संविधान की शपथ का उल्लंघन हैं।
सुरक्षा व्यवस्था पर भी सवाल उठाते हुए आजमी ने कहा, “कश्मीर में हर जगह पुलिस चेकिंग होती है, फिर इतनी सुरक्षा के बावजूद आतंकी पर्यटकों के बीच कैसे घुस आए? सरकार को जवाब देना चाहिए कि सुरक्षा में चूक कहां हुई और शहीद परिवारों को भी इसका उत्तर चाहिए।” उनका कहना था कि इस मामले में सरकार को पारदर्शिता दिखानी चाहिए और सुरक्षा चूक की जांच करनी चाहिए।
आजमी ने कश्मीरी मुसलमानों की तारीफ भी की, जिन्होंने हमले के दौरान हिंदू पर्यटकों की जान बचाई। उन्होंने कहा, “एक कश्मीरी मुसलमान ने अपनी जान देकर पर्यटकों की जान बचाई। कश्मीरी लोगों ने हिंदू पर्यटकों को अपने घरों में पनाह दी। यह इंसानियत का एक बड़ा उदाहरण है, और मैं इसकी सराहना करता हूं।”
हालांकि इस बात की कोई पुष्टी नहीं है की 22 अप्रैल के इस्लामी आतंकी हमलें में एक कश्मीरी मुसलमान ने पर्यटकों की जान बचाने के लिए अपनी जान दी, प्राथमिक जानकारी के अनुसार शुरवाती अंधाधुंध गोलीबारी में एक मुसलमान युवक सैय्यद हुसैन शाह की मौत हुई थी। अन्य सभी के धर्म पूछकर उन्हें गोलिओ से भून दिया गया था।
पहलगाम के इस्लामी हमले के बात नितेश राणे ने शुक्रवार (25 अप्रैल) को एक जनसभा में पहलगाम आतंकी हिंसा को लेकर बयान देते हुए कहा था कि अब धर्म विशेष के लोगों से खरीदारी करते वक्त सोच-समझकर किया जाए। राणे की यह टिप्पणी विवादों में आ गई, और अबू आजमी ने इसे समाज में और अधिक असहमति पैदा करने वाला बताया। ज्ञात हो की पश्चिम बंगाल के आसनसोल में इस हमले के बाद निकले वक्फ विरोधी मोर्चों में ‘पाकिस्तान जिंदाबाद’ के नारे लगाए गए थे। दरम्यान आजमी ने भाजपा पर आरोप लगाया कि वह समाज में सांप्रदायिक तनाव बढ़ाने का काम कर रही है।
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