देश की पश्चिमी सीमाओं पर बढ़ते तनाव और हाल ही में पाकिस्तानी ड्रोन घुसपैठ की घटनाओं के बाद अब भारत की सैन्य रणनीति और सक्रियता पूरी तरह सतर्क मोड पर है। ऐसे में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह शुक्रवार (16 मई) से दो दिवसीय गुजरात दौरे पर रवाना हो रहे हैं, जहां वे भुज एयरबेस और भारत-पाकिस्तान सीमा का दौरा करेंगे। यह दौरा न केवल सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा के लिहाज से अहम है, बल्कि पाकिस्तान को यह स्पष्ट संकेत भी देता है कि भारत की रक्षा तैयारियां हर चुनौती का माकूल जवाब देने के लिए पूरी तरह से सक्षम हैं।
राजनाथ सिंह इस दौरे के दौरान भारतीय सशस्त्र बलों की तैनाती, ऑपरेशनल तैयारियों और एयर डिफेंस व्यवस्था का आकलन करेंगे। हाल ही में पाकिस्तानी सेना द्वारा ड्रोन के जरिए भुज व आदमपुर एयरबेस को निशाना बनाने की नाकाम कोशिशों के बाद यह यात्रा और भी रणनीतिक महत्व रखती है। पाकिस्तान द्वारा भेजे गए 300 से 400 ड्रोन भारतीय हवाई क्षेत्र में दाखिल होने की कोशिश में थे, लेकिन भारतीय वायु रक्षा प्रणालियों ने उन्हें सफलता पूर्वक निष्क्रिय कर दिया।
भुज स्थित रुद्र माता एयरफोर्स स्टेशन, भारतीय वायुसेना का प्रमुख बेस है, जो दक्षिण पश्चिमी वायु कमान के अंतर्गत आता है और वायु सुरक्षा एवं निगरानी के लिहाज से बेहद महत्वपूर्ण है। इसका रनवे नागरिक भुज हवाई अड्डे के साथ साझा होता है और यह पाकिस्तान की सीमा के बेहद निकट होने के कारण रणनीतिक रूप से बेहद संवेदनशील माना जाता है।
पिछले दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी पंजाब के आदमपुर एयरबेस का दौरा किया था, जहां उन्हें ऑपरेशनल जानकारी दी गई थी। यह दौरे साफ़ दर्शाते हैं कि भारत अब न केवल हमलों को विफल करने में सक्षम है, बल्कि प्रतिरोधक क्षमता को भी मजबूत कर रहा है।
पाकिस्तान को जवाबी कार्रवाइयों में भारी नुकसान उठाना पड़ा, जिसके बाद उसे संघर्ष विराम की घोषणा करनी पड़ी। यह स्थिति दर्शाती है कि भारत की सैन्य रणनीति और टेक्नोलॉजी आधारित जवाबी कार्रवाई दुश्मन के मंसूबों को पूरी तरह पस्त करने में सक्षम है।
इससे पहले नई दिल्ली में सुरक्षा समीक्षा बैठक में राजनाथ सिंह ने सीडीएस, सेना व नौसेना प्रमुखों तथा वरिष्ठ अधिकारियों के साथ पश्चिमी सीमाओं की स्थिति की समीक्षा की थी। बैठक में एलओसी और अंतरराष्ट्रीय सीमा के मौजूदा हालातों पर विस्तार से चर्चा की गई थी।
राजनाथ सिंह का यह गुजरात दौरा सिर्फ सुरक्षा जांच नहीं, बल्कि एक रणनीतिक सन्देश भी है — भारतीय एयरबेस न सिर्फ पूरी तरह सुरक्षित हैं, बल्कि दुश्मन की किसी भी हरकत को मुंहतोड़ जवाब देने में पूरी तरह सक्षम हैं। इस दौरे से पाकिस्तान को यह भी साफ़ हो जाएगा कि उसके ड्रोन हमलों से भारत की सैन्य गतिविधियों में कोई असर नहीं पड़ा है, बल्कि अब देश पहले से कहीं ज्यादा सजग, सतर्क और सक्षम है।
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