प्राण प्रतिष्ठा के समय मौजूद रहेंगे राम मंदिर का फैसला देने वाले जज    

प्राण प्रतिष्ठा समारोह में नामी 50 जजों और वकीलों को भी आमंत्रित किया गया है

प्राण प्रतिष्ठा के समय मौजूद रहेंगे राम मंदिर का फैसला देने वाले जज     

राम मंदिर के गर्भगृह में भगवान राम विराजमान हों गए हैं। कई अनुष्ठानों के साथ रामलला को गर्भगृह के आसान गुरुवार को विराजमान हुए। प्राण प्रतिष्ठा की तारीख अब नजदीक है, 22 जनवरी को पीएम मोदी के हाथों प्राण प्रतिष्ठा का कार्य सम्पन्न होगा। इस मौके पर अयोध्या में राम मंदिर से जुड़ा फैसला सुनाने वाली सुप्रीम कोर्ट की बेंच में शामिल पांच जज भी मौजूद रहेंगे।

गौरतलब है कि इस बेंच का नेतृत्व करने वाले तत्कालीन चीफ जस्टिस रंजन गोगोई, पूर्व सीजेआई एसए बोबडे,मौजूदा सीजीआई डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस अशोक भूषण और एस अब्दुल नजीर शामिल होंगे जो पांच सदस्यीय बेंच के सदस्य थे। एक रिपोर्ट के अनुसार, प्राण प्रतिष्ठा समारोह में नामी 50 जजों और वकीलों को भी आमंत्रित किया गया है। गौरतलब है कि पांच जजों की बेंच का नेतृत्व तत्कालीन चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने किया था। इस बेंच 19 नवंबर 2019 को राम मंदिर पर अपना फैसला सुनाया था। अयोध्या की विवादित भूमि को कोर्ट के आदेश पर रामलला को दिया गया था, जबकि मुस्लिम पक्ष को मस्जिद बनाने के लिए 5 एकड़ की भूमि देने  का निर्देश दिया था।

हिन्दू पक्ष का दावा था कि अयोध्या में राम मंदिर तोड़कर बाबरी मस्जिद बनाई गई थी। यह वह जगह है जहाँ भगवान राम का जन्म हुआ था। ऐसे में हिन्दू पक्ष का दावा राम मंदिर वही पर बनना चाहिए। लंबी लड़ाई के बाद कोर्ट का फैसला आने के बाद अब यहां भव्य राम मंदिर बन रहा है।अब रामलला की प्राण प्रतिष्ठा 22 जनवरी को की जायेगी। पीएम मोदी इस कार्य के लिए खुद कठोर अनुष्ठान से गुजर रहे हैं। पीएम मोदी 11 दिन का विशेष अनुष्ठान कर रहें है, इस दौरान केवल वे नारियल का पानी ही पीते है और जमीन पर कंबल बिछाकर सोते हैं।

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