इस वक्त पूरा देश गणतंत्र दिवस समारोह की तैयारियों में जुटा हुआ है। 75वें गणतंत्र दिवस के मौके पर सरकारी दफ्तरों और ऐतिहासिक इमारतों को सजाया गया है| बाजार तिरंगे से सजे हुए हैं| इस साल फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों मुख्य अतिथि के तौर पर मौजूद रहेंगे| दिल्ली में होने वाली परेड की तैयारियां भी अंतिम चरण में पहुंच चुकी हैं| इस मौके पर आज हम आपको गणतंत्र दिवस परेड से जुड़े कुछ दिलचस्प तथ्यों से अवगत कराने जा रहे हैं।
हर साल 26 जनवरी को नई दिल्ली में दुतीपथ (पूर्व में राजपथ) पर परेड आयोजित की जाती है, लेकिन 1950 से 1954 तक राजपथ पर परेड आयोजित नहीं की गई थी। इन वर्षों के दौरान, 26 जनवरी की परेड क्रमशः इरविन स्टेडियम, किंग्सवे, लाल किला और रामलीला मैदान में आयोजित की गई थी।
हर साल गणतंत्र दिवस पर किसी भी देश के प्रधानमंत्री या राष्ट्रपति को अतिथि के तौर पर आमंत्रित किया जाता है। पहली परेड 26 जनवरी 1950 को आयोजित की गई थी, जिसमें इंडोनेशियाई राष्ट्रपति सुकर्णो को मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया था। 1955 में जब राजपथ (कर्तव्य पथ) पर पहली परेड आयोजित की गई, तो पाकिस्तान के गवर्नर जनरल मलिक गुलाम मोहम्मद को आमंत्रित किया गया था।
परेड में शामिल सभी लोग दोपहर 2 बजे तक तैयार हो जाते हैं और 3 बजे तक राजपथ पर पहुंच जाते हैं| हालांकि, परेड की तैयारियां पिछले साल जुलाई से ही शुरू हो गई थीं| सभी प्रतिभागी अगस्त तक अपने संबंधित रेजिमेंटल केंद्रों पर परेड का अभ्यास करते हैं। इससे वे दिसंबर तक दिल्ली पहुंच जाते हैं। 26 जनवरी को औपचारिक रूप से प्रदर्शन करने से पहले प्रतिभागियों ने 600 घंटे तक अभ्यास किया।
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