रूस ने शनिवार (29 जून)देर रात यूक्रेन पर अब तक का सबसे भीषण हवाई हमला किया, जिसमें कुल 537 हवाई हथियार इस्तेमाल किए गए। यूक्रेनी वायुसेना के अनुसार इनमें 477 ड्रोन और 60 मिसाइलें शामिल थीं। इस हमले में कम से कम 6 लोग घायल हुए हैं, जिनमें एक बच्चा भी शामिल है।
यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने इस हमले को मानवता के खिलाफ हमला बताया और कहा कि “रूसी सेना उन सभी चीजों को निशाना बना रही है जो जीवन को बनाए रखती हैं।” इस हमले में एक F-16 लड़ाकू विमान भी गिरा जिसमें बहादुर पायलट मैक्सिम उस्ताइमेंको शहीद हो गए। उन्होंने हमले के दौरान सात हवाई लक्ष्यों को मार गिराया था।
जेलेंस्की ने कहा,“पूरी रात यूक्रेन के आसमान में 477 ड्रोन मंडरा रहे थे, जिनमें से अधिकांश रूसी-ईरानी शहीद ड्रोन थे। इसके अलावा 60 मिसाइलें भी दागी गईं। यह हमला उन सभी चीजों पर था जो जीवन के लिए जरूरी हैं — बिजली, पानी, चिकित्सा सेवा। एक आवासीय बिल्डिंग पर भी हमला हुआ जिसमें एक बच्चा घायल हुआ।”
उन्होंने आगे कहा,“जब तक रूस के पास ऐसे बड़े हमले करने की क्षमता है, वह नहीं रुकेगा। अब युद्ध खत्म करने के लिए दबाव और सुरक्षा दोनों जरूरी हैं। यूक्रेन को और मजबूत वायु सुरक्षा चाहिए — अमेरिकी प्रणाली, जिन्हें हम खरीदने के लिए तैयार हैं।”
यूक्रेनी सेना के अनुसार रूस ने इस हमले में करीब 500 प्रकार के अलग-अलग हवाई हथियार इस्तेमाल किए जिनमें बैलिस्टिक, क्रूज मिसाइलें और ड्रोन शामिल थे। यूक्रेन ने इनमें से 249 को मार गिराया, जबकि 226 ड्रोन और मिसाइलें संभवतः इलेक्ट्रॉनिक जामिंग के कारण लक्ष्य तक नहीं पहुंच सकीं।
यूक्रेनी वायुसेना ने बताया कि हमले में देश के छह अलग-अलग क्षेत्रों को निशाना बनाया गया, जिनमें ल्वीव, खेरसॉन, मिकोलाइव, चेरकासी जैसे इलाके भी शामिल हैं। पोलैंड की वायुसेना ने भी अपनी हवाई सुरक्षा के तहत लड़ाकू विमान तैनात किए ताकि उनका हवाई क्षेत्र सुरक्षित रहे।
ल्वीव क्षेत्र में एक औद्योगिक सुविधा पर ड्रोन हमले के कारण भीषण आग लग गई। तीन बहुमंजिला इमारतें और एक कॉलेज भी हमले में क्षतिग्रस्त हुए हैं। मिकोलाइव और ड्निप्रोपेत्रोस्क में भी औद्योगिक ढांचों को नुकसान पहुंचा है।
रूस-यूक्रेन युद्ध के तीन साल पूरे होने को हैं और यह हमला इस युद्ध के सबसे बड़े हवाई हमलों में से एक माना जा रहा है। यूक्रेन ने इस हमले को रोकने के लिए अपने सभी रक्षा संसाधनों को झोंक दिया, लेकिन यह साफ हो गया है कि देश को और मजबूत वायु सुरक्षा की जरूरत है। विश्व समुदाय की नजरें अब अमेरिका और यूरोप पर टिकी हैं, जिनसे यूक्रेन को अतिरिक्त समर्थन की अपेक्षा है।
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