शंघाई सहयोग संगठन (SCO) की हालिया रक्षा मंत्रियों की बैठक में आतंकवाद पर चुप्पी साधने की कोशिश पर भारत ने कड़ा विरोध जताया है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह द्वारा संयुक्त घोषणा पत्र पर हस्ताक्षर करने से इनकार किए जाने के बाद अब विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने भी उनका खुलकर समर्थन किया है। जयशंकर ने शुक्रवार (27 जून)को कहा कि जब SCO का मुख्य उद्देश्य ही आतंकवाद से लड़ना है, तो अंतिम दस्तावेज में इसका जिक्र न होना ग़लत है।
जयशंकर ने मीडिया से बात करते हुए कहा, “SCO जैसे संगठन में जहां एकमत से फैसले होते हैं, वहां अगर कोई देश यह चाहता है कि आतंकवाद का कोई उल्लेख न हो, तो भारत इसका समर्थन नहीं कर सकता। रक्षा मंत्री ने स्पष्ट कहा कि यदि आतंकवाद का ज़िक्र नहीं होगा, तो हम दस्तावेज़ पर हस्ताक्षर नहीं करेंगे।”
हालांकि जयशंकर ने उस देश का नाम नहीं लिया जिसने आतंकवाद से संबंधित उल्लेख का विरोध किया, लेकिन विश्लेषकों का मानना है कि यह इशारा चीन या पाकिस्तान की ओर हो सकता है। SCO के सदस्य देशों में भारत के अलावा चीन, रूस, पाकिस्तान, ईरान, कज़ाखस्तान, किर्गिस्तान, ताजिकिस्तान, उज्बेकिस्तान और बेलारूस शामिल हैं।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह जो फिलहाल चीन के चिंगदाओ शहर में SCO की बैठक में मौजूद हैं, ने गुरुवार (26 जून)को उस संयुक्त बयान पर हस्ताक्षर करने से मना कर दिया जिसमें 22 अप्रैल को कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले का कोई ज़िक्र नहीं था। इस हमले में 26 लोगों की मौत हुई थी, जिनमें अधिकांश पर्यटक थे।
#WATCH | Delhi: EAM Dr S Jaishankar says, "The SCO was formed with the objective of fighting terrorism. When Rajnath Singh went to the Defence Ministers' Meeting and there was a discussion on the outcome document, one country said they do not want a reference to that. Rajnath… pic.twitter.com/AqL4FFmuUG
— ANI (@ANI) June 27, 2025
दिलचस्प बात यह है कि उस संयुक्त घोषणा में पाकिस्तान के जैफ़र एक्सप्रेस ट्रेन पर 11 मार्च को हुए बलोच लिबरेशन आर्मी के हमले का ज़िक्र किया गया था, लेकिन भारत के गंभीर आतंकी हमले को नजरअंदाज़ कर दिया गया। रिपोर्ट्स के मुताबिक, पाकिस्तान ने जानबूझकर बलोचिस्तान की घटना को शामिल कर भारत पर दोष मढ़ने की कोशिश की थी।
राजनाथ सिंह ने बैठक में आतंकवाद के प्रायोजकों पर सीधा हमला करते हुए कहा, “कुछ देश सीमा पार आतंकवाद को अपनी नीति का हिस्सा मानते हैं और आतंकवादियों को शरण देते हैं। ऐसे दोहरे मापदंड अब स्वीकार्य नहीं हैं। SCO को ऐसे देशों की खुलकर आलोचना करनी चाहिए।”
उन्होंने आगे कहा कि भारत ने पहलगाम हमले के बाद पाकिस्तान और पाकिस्तान-अधिकृत कश्मीर में आतंकवादी ठिकानों पर जवाबी सैन्य कार्रवाई करते हुए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ चलाया। राजनाथ ने कहा, “हमने आतंकवाद के खिलाफ अपनी ज़ीरो टॉलरेंस नीति को दृढ़ता से दिखाया है। यह हमला लश्कर-ए-तैयबा के पिछले हमलों की तर्ज पर था।”
सवाल है कि SCO जैसे संगठन में सभी सदस्य आतंकवाद के खिलाफ एकजुट होकर स्पष्ट रुख अपना पाएंगे या फिर भू-राजनीतिक हित इन फैसलों पर हावी रहेंगे।
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