27.3 C
Mumbai
Monday, July 14, 2025
होमदेश दुनियाईरान ने अमेरिका से वार्ता पर लगाई ब्रेक, कहा-"वार्ता फिर से शुरू...

ईरान ने अमेरिका से वार्ता पर लगाई ब्रेक, कहा-“वार्ता फिर से शुरू करने को लेकर कोई समझौता नहीं हुआ”

15 जून को मस्कट (ओमान) में अमेरिका और ईरान के बीच अप्रत्यक्ष परमाणु वार्ता फिर से शुरू करने की योजना बनाई जा रही थी।

Google News Follow

Related

अमेरिका और ईरान के बीच परमाणु मुद्दे पर बातचीत दोबारा शुरू होने की अटकलों के बीच, ईरान ने स्पष्ट किया है कि फिलहाल ऐसी कोई वार्ता या समझौता नहीं हुआ है। ईरान के विदेश मंत्री सईद अब्बास अराघची ने कहा कि अमेरिका के साथ बातचीत को लेकर कोई प्रतिबद्धता नहीं दी गई है, और आगे की किसी भी पहल का निर्णय राष्ट्रीय हितों को ध्यान में रखते हुए लिया जाएगा।

सरकारी प्रसारक आईआरआईबी को दिए इंटरव्यू में अराघची ने कहा, “अगर वार्ता हमारे हित में होगी, तो हम विचार करेंगे, लेकिन इस समय कोई औपचारिक बातचीत या वादा नहीं हुआ है।” अराघची ने आरोप लगाया कि अमेरिका ने 2015 के परमाणु समझौते को पुनर्जीवित करने की कोशिशों में ईरान के साथ धोखा किया। उन्होंने कहा कि ईरान को प्रतिबंध हटाने की प्रक्रिया में भरोसा दिलाया गया था, लेकिन अमेरिका ने वार्ता के पिछले दौर में उस पर अमल नहीं किया।

ईरानी संसद द्वारा संयुक्त राष्ट्र परमाणु निगरानी संस्था IAEA से सहयोग को निलंबित करने वाला कानून अब बाध्यकारी हो गया है। अराघची ने कहा, “गार्जियन काउंसिल की मंजूरी के बाद यह कानून अब लागू हो गया है और IAEA से हमारा सहयोग अब नए ढांचे में होगा।”

अराघची ने यह भी बताया कि 12 दिनों तक चले हालिया इज़रायल-ईरान युद्ध में ईरान को गंभीर क्षति पहुंची है।
“हमारे परमाणु ऊर्जा संगठन के विशेषज्ञ आकलन कर रहे हैं, और क्षतिपूर्ति की मांग करना सरकार की प्राथमिकता में है। ” उन्होंने कहा।

यह संघर्ष 13 जून को शुरू हुआ था जब इज़रायल ने ईरान की सैन्य और परमाणु सुविधाओं पर हवाई हमले किए थे। इसके जवाब में ईरान ने मिसाइल और ड्रोन हमलों की कई लहरें इज़रायल पर छोड़ीं। 18 जून को अमेरिका ने भी हस्तक्षेप करते हुए ईरान के तीन प्रमुख परमाणु ठिकानों पर हमला किया, जिसके बाद 24 जून को ईरान ने कतर स्थित अमेरिकी अल उदीद एयर बेस पर मिसाइलें दागीं।

दिलचस्प बात यह है कि यह पूरा संघर्ष तब शुरू हुआ जब 15 जून को मस्कट (ओमान) में अमेरिका और ईरान के बीच अप्रत्यक्ष परमाणु वार्ता फिर से शुरू करने की योजना बनाई जा रही थी। लेकिन इससे ठीक पहले दोनों देशों के बीच तनाव इतना बढ़ा कि पूर्ण युद्ध छिड़ गया।

25 जून को दोनों देशों के बीच युद्धविराम घोषित किया गया, लेकिन इसके बाद भी राजनयिक रिश्तों में कोई ठोस सुधार नहीं दिखाई दे रहा है। ईरान की ओर से अब यह स्पष्ट कर दिया गया है कि बातचीत तभी होगी जब उसके राष्ट्रीय हित सुरक्षित होंगे।

पश्चिम एशिया में हालिया संघर्ष और कूटनीतिक गतिरोध यह दर्शाते हैं कि ईरान-अमेरिका संबंध अब भी बेहद नाजुक मोड़ पर हैं। वार्ता की कोई भी पहल अब केवल शांति की नहीं, बल्कि रणनीतिक मजबूती की कसौटी पर परखी जाएगी।

यह भी पढ़ें:

“किसी सनातनी की चोटी काटना अत्यंत निंदनीय, जातिवाद फैलाना गलत”

हमास के बर्बरतापूर्ण हमलें पर बनी डॉक्यूमेंटरी को मिला एमी अवार्ड !

एक-एक कर खत्म किए ईरानी वैज्ञानिक, इजरायल ने कैसे चलाया ‘ऑपरेशन नार्निया’!

नीले ड्रम में मिली एक और लाश!

National Stock Exchange

लेखक से अधिक

कोई जवाब दें

कृपया अपनी टिप्पणी दर्ज करें!
कृपया अपना नाम यहाँ दर्ज करें

The reCAPTCHA verification period has expired. Please reload the page.

Star Housing Finance Limited

हमें फॉलो करें

98,620फैंसलाइक करें
526फॉलोवरफॉलो करें
256,000सब्सक्राइबर्ससब्सक्राइब करें

अन्य लेटेस्ट खबरें