दिल्ली पुलिस ने अवैध रूप से रह रहे विदेशी नागरिकों के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान के तहत एक बांग्लादेशी नागरिक को गिरफ्तार किया है, जो पिछले 15 वर्षों से फर्जी पहचान के सहारे भारत में रह रहा था। आरोपी का असली नाम ओहिद है, लेकिन वह “मोहम्मद रोहित शेख” नाम से दिल्ली में रह रहा था और भारतीय पहचान पत्र तक बनवा चुका था।
दक्षिण पश्चिम जिला पुलिस की एंटी ऑटो थेफ्ट स्क्वाड (AATS) ने इस कार्रवाई को अंजाम दिया। पुलिस को वसंत कुंज इलाके में एक संदिग्ध व्यक्ति की मौजूदगी की सूचना मिली थी। विशेष गश्त और खुफिया जानकारी के आधार पर पुलिस टीम ने 24 जून को इलाके से आरोपी को पकड़ लिया।
पकड़े जाने पर आरोपी ने खुद को पश्चिम बंगाल के नदिया जिले का निवासी बताया और पुलिस को आधार कार्ड और ड्राइविंग लाइसेंस भी दिखाए। लेकिन गहन पूछताछ में उसने स्वीकार कर लिया कि वह बांग्लादेश से अवैध रूप से भारत में घुसा था और फर्जी दस्तावेजों के सहारे यहां रह रहा था।
जांच के दौरान पुलिस को उसके पास से बांग्लादेशी पासपोर्ट और राष्ट्रीय पहचान पत्र भी बरामद हुए, जो ओहिद नाम पर जारी थे। ओहिद ने बताया कि वह करीब 15 साल पहले एक अज्ञात व्यक्ति की मदद से भारत में दाखिल हुआ था। इसके बाद उसने खुद को भारतीय नागरिक साबित करने के लिए फर्जी कागजात तैयार करवाए और दिल्ली में रहने लगा। पुलिस का कहना है कि आरोपी पूरी तरह से भारतीय पहचान में घुलमिल गया था, जिससे उसकी पहचान करना चुनौतीपूर्ण था।
पुलिस ने आरोपी को वसंत कुंज साउथ थाना में रखा है और अब मामले में आगे की कानूनी कार्रवाई के तहत विदेशी क्षेत्रीय पंजीकरण कार्यालय (FRRO) की मदद से उसे बांग्लादेश डिपोर्ट करने की प्रक्रिया शुरू की गई है। यह एक और उदाहरण है जो बतातें है की भारत के भारत में बने विदेशी आव्रजन कानून अभी भी कमज़ोर है, जिसमें घुसपैठ जैसे राष्ट्रिय सुरक्षा के लिए अपराध के लिए गंभीरता अनुपस्थित है।
यह मामला एक बार फिर इस बात की ओर संकेत करता है कि भारत में अवैध घुसपैठ और फर्जी पहचान के जरिए नागरिकता जैसी संवेदनशील प्रक्रियाओं का दुरुपयोग किस तरह से हो रहा है। दिल्ली पुलिस की इस कार्रवाई से ऐसे तत्वों पर लगाम कसने की उम्मीद बढ़ी है।
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