नई दिल्ली से एक मजबूत और दूरगामी संदेश के साथ केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने इलेक्ट्रॉनिक्स उद्योग से उपभोक्ताओं की सुरक्षा को सर्वोपरि रखने की अपील की है। हाल ही में हुई एक बैठक में उन्होंने विद्युत उपकरणों की गुणवत्ता और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए हॉरिजॉन्टल क्वालिटी कंट्रोल ऑर्डर्स (QCOs) के प्रभावी कार्यान्वयन पर जोर दिया।
मंत्री गोयल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर कहा, “इलेक्ट्रॉनिक्स उद्योग के प्रमुख हितधारकों के साथ एक सार्थक बातचीत हुई। इस बातचीत में उपभोक्ताओं के हित में विद्युत उपकरणों की सुरक्षा को बढ़ाने के लिए हॉरिजॉन्टल क्वालिटी कंट्रोल्स ऑर्डर्स (क्यूसीओ) के कार्यान्वयन पर चर्चा की गई।” उन्होंने आगे जोड़ा, “इसके अलावा, उद्योग के विकास और वैश्विक प्रतिस्पर्धा को बढ़ाने के अवसरों की खोज को लेकर चर्चा की गई।”
QCOs यानी गुणवत्ता नियंत्रण आदेश, भारत सरकार द्वारा जारी ऐसे कानूनी आदेश हैं जिनका उद्देश्य घटिया आयात पर रोक लगाना और भारतीय उपभोक्ताओं को सुरक्षित एवं विश्वसनीय उत्पाद उपलब्ध कराना है। इसके तहत संबंधित उत्पादों को भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) का प्रमाणन अनिवार्य रूप से प्राप्त करना होता है।
यह कदम सिर्फ सुरक्षा तक सीमित नहीं है, बल्कि यह घरेलू विनिर्माण को प्रोत्साहन देने की दिशा में भी एक निर्णायक पहल है। आंकड़ों के अनुसार अब तक 187 गुणवत्ता नियंत्रण आदेशों के माध्यम से कुल 769 उत्पादों को अनिवार्य BIS प्रमाणन के दायरे में लाया जा चुका है।
वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के अधीन उद्योग संवर्धन और आंतरिक व्यापार विभाग द्वारा जारी ‘घरेलू, वाणिज्यिक और समान विद्युत उपकरणों की सुरक्षा (गुणवत्ता नियंत्रण) आदेश, 2024’ के अनुसार, वे सभी विद्युत उपकरण जो 250 वोल्ट सिंगल-फेज या 415 वोल्ट थ्री-फेज अल्टरनेटिंग करंट से अधिक नहीं हैं, अनिवार्य प्रमाणन के अंतर्गत आएंगे, यदि वे किसी अन्य QCO के अंतर्गत नहीं आते।
यह स्पष्ट है कि QCOs केवल उपभोक्ताओं को सुरक्षित उत्पाद उपलब्ध कराने का माध्यम नहीं हैं, बल्कि वे घरेलू उद्योग को वैश्विक मानकों पर प्रतिस्पर्धी बनाने का एक रणनीतिक उपाय भी हैं। BIS अब सिर्फ एक प्रमाणन निकाय नहीं, बल्कि गुणवत्ता का प्रहरी बन चुका है।
सरकार और उद्योग जगत के बीच यह संवाद बताता है कि भारत अब केवल “मेक इन इंडिया” नहीं, बल्कि “मेक इन इंडिया विद सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड्स” की दिशा में आगे बढ़ चुका है।
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