रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शुक्रवार (16 मई) को आरोप लगाया कि पाकिस्तान सरकार संयुक्त राष्ट्र द्वारा प्रतिबंधित आतंकी मसूद अजहर को 14 करोड़ रुपये की आर्थिक सहायता देने जा रही है। उन्होंने यह भी कहा कि पाकिस्तान मुरिदके और बहावलपुर में लश्कर-ए-तैयबा (LeT) और जैश-ए-मोहम्मद (JeM) के आतंकी ढांचे के पुनर्निर्माण की योजना बना रहा है।
भुज एयरबेस से बोलते हुए सिंह ने कहा, “पाकिस्तान सरकार ने लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद के आतंक ढांचे को फिर से खड़ा करने के लिए आर्थिक मदद का ऐलान किया है। IMF से मिलने वाले एक अरब डॉलर में से बड़ा हिस्सा निश्चित रूप से इस आतंक ढांचे में झोंका जाएगा। क्या यह IMF द्वारा आतंक को अप्रत्यक्ष रूप से फंडिंग देना नहीं है?”
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान सरकार यह पैसा आम नागरिकों से वसूले गए करों से खर्च करने जा रही है। “वह सरकार मसरूर अज़हर पर 14 करोड़ रुपये खर्च करने जा रही है—वो भी पाकिस्तान के आम करदाताओं की गाढ़ी कमाई से,” सिंह ने कहा।
यह बयान ऐसे समय आया है जब अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने 9 मई को पाकिस्तान को अपने विस्तारित कोष सहायता (EFF) कार्यक्रम के तहत एक अरब डॉलर की किश्त मंजूर की है, जिसे लेकर भारत ने आपत्ति जताई थी।
सिंह का बयान पाकिस्तान के मंत्री राणा तनवीर हुसैन के उस दौरे के एक दिन बाद आया है, जिसमें उन्होंने मुरिदके का निरीक्षण किया और कहा कि वहां का पुनर्निर्माण सरकार अपने खर्चे पर करेगी। मुरिदके लश्कर-ए-तैयबा का मुख्य केंद्र है, जबकि बहावलपुर जैश-ए-मोहम्मद का मुख्यालय है। हाल ही में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए हमले में लश्कर के आतंकियों ने 26 लोगों की हत्या की थी।
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