गुजरात के भुज एयरबेस पर शुक्रवार (16 मई)को कुछ खास था। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने वायुसेना के शूरवीरों से मुलाकात की और ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की सफलता पर उन्हें सलामी दी। लेकिन यह महज औपचारिक यात्रा नहीं थी। यह था एक सशक्त और संदेशवाहक वक्तव्य—भारत अब सिर्फ जवाब नहीं देता, बल्कि जवाब की परिभाषा बदल देता है।
“जितनी देर में लोग नाश्ता-पानी निपटाते हैं, उतनी देर में आपने दुश्मनों को निपटा दिया”—यह वाक्य केवल तालियों के लिए नहीं था, बल्कि यह उस सैन्य पराक्रम की समय-सीमा का प्रतीक है, जिसने भारत के रक्षा सिद्धांत को नई दिशा दी है। रक्षा मंत्री ने जब यह बात कही, तो देश का आत्मविश्वास और जनता का मनोबल दोनों एक साथ ऊंचा हुआ।
‘ऑपरेशन सिंदूर’ अब सिर्फ एक सैन्य मिशन नहीं रहा। यह भारत की आक्रामक कूटनीति और हाई-टेक युद्ध नीति का प्रतीक बन चुका है। पाकिस्तान की धरती पर मौजूद नौ आतंकी ठिकानों को ध्वस्त कर देना, और फिर कई एयरबेस को भी निष्क्रिय करना—यह दर्शाता है कि भारत की वायुसेना अब केवल सीमा की रक्षा नहीं करती, बल्कि जहां से खतरा आता है, वहां तक पहुंचकर उसे नेस्तनाबूद भी करती है।
राजनाथ सिंह ने कहा, “मैं आज आपके बीच में आपका अभिनंदन करने के लिए आया हूं। ऑपरेशन सिंदूर में सचमुच आप लोगों ने करिश्माई काम किया है, भारत का मस्तक आपने सारी दुनिया में ऊंचा किया है। ऑपरेशन सिंदूर के दौरान जो हमारे सैनिक अथवा हमारे नागरिक शहीद हुए हैं, मैं सबको नमन करता हूं और जो हमारे बहादुर जवान घायल हुए हैं, उनके शीघ्र स्वस्थ होने की मैं ईश्वर से कामना करता हूं।”
उन्होंने आगे कहा, “यह कोई छोटी बात नहीं है कि हमारी एयरफोर्स की पहुंच पाकिस्तान के हर कोने तक है और यह बात पूरी तरह से साबित हो चुकी है। आज स्थिति यह है कि भारत के फाइटर प्लेन बिना सरहद पार किए ही, यहीं से उनके हर कोने तक सीधा प्रहार करने में पूरी तरह से सक्षम हैं और पूरी दुनिया ने देख लिया है कि कैसे आपने पाकिस्तान की धरती पर मौजूद आतंकियों के 9 ठिकानों को ध्वस्त कर दिया है। बाद में की गई कार्रवाई में उनके अनेक एयरबेस भी तबाह कर दिए। ऑपरेशन सिंदूर के दौरान एयरफोर्स ने न केवल पराक्रम दिखाया, बल्कि पूरी दुनिया के सामने इस बात का प्रमाण भी दिया है कि भारत की युद्ध नीति और टेक्नोलॉजी दोनों बदल चुकी हैं। आपने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में नए भारत का संदेश पूरी दुनिया तक इस बार पहुंचा दिया है।”
रक्षा मंत्री ने स्पष्ट किया, “मैं आपको बताना चाहता हूं कि ऑपरेशन सिंदूर का नाम हमारे देश के प्रधानमंत्री मोदी ने रखा था। ऑपरेशन सिंदूर के दौरान जो कुछ भी आपने किया, उस पर सभी भारतीयों को गर्व है। पाकिस्तानी धरती पर आतंक के अजगर को कुचलने के लिए भारतीय वायुसेना के लिए 23 मिनट काफी थे। वह आपने करके दिखाया। यह कहना गलत नहीं होगा कि जितनी देर में लोग नाश्ता-पानी निपटाते हैं, उतनी देर में आपने दुश्मनों को निपटा दिया। आपने दुश्मन की धरती पर मिसाइलें गिराईं, उन मिसाइलों की गूंज सिर्फ भारत तक ही सीमित नहीं थी, पूरी दुनिया ने सुनी। वास्तव में वह गूंज सिर्फ मिसाइलों की ही नहीं थी, वह गूंज थी आपके शौर्य और सेना के जवानों के पराक्रम की।”
और अंत में पाकिस्तान को चेताते हुए उन्होंने कहा, “अब यह स्पष्ट हो गया है कि पाकिस्तान में आतंकवाद और वहां की सरकार का चोली-दामन का संबंध है। इस परिस्थिति में यदि वहां परमाणु अस्त्र और अटॉमिक वेपन रहते हैं, तो इस बात की संभावना को भविष्य में कभी नकारा नहीं जा सकता है कि वह आतंकवादी तत्वों के हाथों में चले जाएं। यह सिर्फ भारत के लिए नहीं बल्कि पूरी दुनिया के लिए और पाकिस्तान की आम जनता के लिए भी एक गंभीर खतरे की बात होगी। सारे विश्व और खासकर पाकिस्तान की आवाम को यह समझना होगा कि वह कितने बड़े खतरे के मुकाम पर बैठे हैं। इस हालात के लिए पाकिस्तान की फौज को यह संदेश देना चाहूंगा, ‘कागज का है लिबाज, चिरागों का शहर है, चलना संभल-संभल कर क्योंकि तुम नशे में हो।”
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