देश की आर्थिक राजधानी मुंबई एक बार फिर ड्रग्स रैकेट के जाल में उलझी नजर आई, लेकिन इस बार क्राइम ब्रांच ने तस्करों को मुंहतोड़ जवाब दिया। मुंबई क्राइम ब्रांच की यूनिट 5 ने गुरुवार को जोगेश्वरी इलाके में दो ड्रग्स सप्लायरों को गिरफ्तार करते हुए उनके पास से करीब 2 किलोग्राम एमडी ड्रग्स जब्त की। अंतरराष्ट्रीय बाजार में इस ज़हर की कीमत लगभग 4 करोड़ रुपये बताई जा रही है।
क्राइम ब्रांच को जोगेश्वरी बस डिपो के पास दो संदिग्धों की गतिविधियों पर शक हुआ। जब तलाशी ली गई तो उनके पास से भारी मात्रा में एमडी ड्रग्स बरामद हुआ। दोनों आरोपियों के खिलाफ अंबोली पुलिस थाने में एनडीपीएस एक्ट के तहत केस दर्ज किया गया है और फिलहाल वे हिरासत में हैं। पुलिस अब इस बात की जांच में जुटी है कि यह ड्रग्स कहां से लाया गया था और किन-किन ग्राहकों तक पहुंचाया जाना था।
मुंबई पुलिस को संदेह है कि यह गिरफ्तारी एक बड़े ड्रग नेटवर्क की परतें खोल सकती है। जानकारी के अनुसार, बरामद माल केवल एक खेप भर है, इसके पीछे एक अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क सक्रिय हो सकता है।
यह कार्रवाई तब हुई है जब बीते महीने अप्रैल में क्राइम ब्रांच ने मीरा-भायंदर इलाके में ‘ड्रग्स क्वीन’ कही जाने वाली सबीना शेख को भारी मात्रा में कोकीन और नकदी के साथ गिरफ्तार किया था। उस समय क्राइम ब्रांच यूनिट-1 (काशीमीरा) ने 14.868 किलोग्राम कोकीन बरामद की थी, जिसकी कीमत लगभग 22.33 करोड़ रुपये आंकी गई थी।
सबीना की गिरफ्तारी के बाद जो कड़ी-दर-कड़ी कार्रवाई हुई, उसने मुंबई पुलिस के लिए एक नया ऑपरेशन खोल दिया। उसी कड़ी में नाइजीरियाई नागरिक एंडी उबाबुदिके ओनींसे को गिरफ्तार किया गया, जिसके घर से 2.604 किलोग्राम कोकीन और नकदी बरामद की गई। फिर वसई के एवरशाइन नगर से कैमरून की नागरिक क्रिस्टाबेल एनजेई को पकड़ा गया, जिसके पास से 64.98 लाख रुपये की कोकीन, भारतीय और विदेशी मुद्रा जब्त की गई।
पुलिस जांच में सामने आया कि सबीना भारतीय नागरिक होने के कारण देश के भीतर तस्करी की बड़ी जड़ थी, जो विदेशी ड्रग सप्लायर्स के साथ मिलकर महाराष्ट्र के विभिन्न शहरों—मुंबई, नवी मुंबई, पालघर, पुणे और नासिक—में ज़हर की खेप पहुंचा रही थी।
मुंबई पुलिस की इन कार्रवाइयों से साफ है कि शहर में नशे के जाल को तोड़ने की जंग अब निर्णायक मोड़ पर है। लेकिन साथ ही यह भी संकेत है कि अंतरराष्ट्रीय ड्रग्स सिंडिकेट अब भी शहर में जड़े जमाए हुए हैं। ऐसे में पुलिस की सतर्कता और कार्रवाई दोनों ही ज़रूरी हैं—क्योंकि अगली खेप किसी स्कूल, कॉलेज या युवा के जीवन को तबाह कर सकती है।
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