बॉलीवुड अभिनेता सैफ अली खान पर हुए हमले के मामले में संदिग्ध के तौर पर छत्तीसगढ़ के दुर्ग में हिरासत में लिए गए शख्स आकाश कनौजिया का दर्द छलका है| साथ ही उन्होंने इंसाफ की मांग की है| आकाश ने कहा कि पुलिस कार्रवाई के बाद उसका जीवन पूरी तरह बर्बाद हो गया है, उसके पास कोई नौकरी नहीं है और परिवार को बदनामी का सामना करना पड़ रहा है|
मुंबई पुलिस की एक गलती ने मेरी जिंदगी बर्बाद कर दी| वे यह गौर करने में विफल रहे कि मेरी मूंछें थीं और अभिनेता की बिल्डिंग में लगे सीसीटीवी फुटेज में दिख रहे व्यक्ति की मूंछें भी नहीं थीं| आकाश कनौजिया ने कहा, “मेरा परिवार तब स्तब्ध रह गया और उनकी आंखों में आंसू आ गए, जब मीडिया ने मेरी तस्वीरें दिखानी शुरू कीं और दावा किया कि मैं इस मामले में मुख्य संदिग्ध हूं|
बता दें कि 15 जनवरी की रात मुंबई के बांद्रा इलाके में सतगुरु शरण में 12वीं मंजिल पर स्थित अभिनेता सैफ अली खान के आवास में लूटपाट के प्रयास के दौरान एक व्यक्ति ने उन पर कई बार चाकू से वार किया था| खान की सर्जरी हुई और बाद में उन्हें छुट्टी दे दी गई|
दरअसल, मुंबई पुलिस से मिली सूचना के बाद ठाणे जिले के टिटवाला में इंदिरानगर चॉल के निवासी पेशे से ड्राइवर ड्राइवर आकाश कनौजिया (31) को रेलवे सुरक्षा बल ने 18 जनवरी को दुर्ग स्टेशन पर मुंबई लोकमान्य तिलक टर्मिनस-कोलकाता शालीमार ज्ञानेश्वरी एक्सप्रेस से हिरासत में लिया था|
19 जनवरी की सुबह मुंबई पुलिस ने पड़ोसी ठाणे से बांग्लादेशी नागरिक शरीफुल इस्लाम शहजाद मोहम्मद रोहिल्ला अमीन फकीर उर्फ विजय दास को गिरफ्तार किया था, जिसके बाद दुर्ग आरपीएफ ने कनौजिया को छोड़ दिया|
आकाश के पिता कैलाश कनौजिया ने मीडिया से बात करते हुए दावा किया, पुलिस ने मेरे बेटे की पहचान सत्यापित किए बिना उसे हिरासत में ले लिया। इस गलती ने उसकी जिंदगी बर्बाद कर दी है। अब मानसिक आघात के कारण आकाश काम पर ध्यान केंद्रित करने या अपने परिवार के साथ बातचीत करने में असमर्थ है। वह अलग-थलग हो गया है, ठीक से बात नहीं करता है और उसकी सारी इच्छा ही खत्म हो गई है।
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