दक्षिण चीन सागर के ऊपर रविवार को अमेरिकी नौसेना के एक लड़ाकू विमान और एक हेलिकॉप्टर के दुर्घटनाग्रस्त होने से हड़कंप मच गया। दोनों हादसे एक ही विमानवाहक पोत यूएसएस निमिट्ज़ (USS Nimitz) से जुड़े थे और आधे घंटे के भीतर घटित हुए। यह जानकारी यूएस पैसिफिक फ्लीट ने आधिकारिक रूप से पुष्टि की है।
रिपोर्ट के अनुसार, सबसे पहले अमेरिकी नौसेना का MH-60R सी हॉक (Sea Hawk) हेलिकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हुआ, जिसके कुछ ही मिनट बाद F/A-18F सुपर हॉरनेट (Super Hornet) लड़ाकू विमान भी गिर गया। हादसे के तुरंत बाद शुरू किए गए बचाव अभियान में सभी पांच कर्मियों तीन हेलिकॉप्टर सवार और दो पायलट को सुरक्षित निकाल लिया गया। दोनों पायलट समय रहते ईजेक्ट करने में सफल रहे। सभी को अस्पताल में भर्ती कराया गया है और उन्हें “स्थिर और खतरे से बाहर” बताया गया है।
अमेरिकी नौसेना ने दोनों हादसों की संयुक्त जांच शुरू कर दी है। अभी तक किसी आधिकारिक कारण की पुष्टि नहीं हुई है। हालांकि, राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने टोक्यो की उड़ान के दौरान एयर फोर्स वन पर पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि यह हादसा खराब ईंधन (bad fuel) के कारण हो सकता है। ट्रंप ने यह भी कहा कि “सेना के पास छिपाने के लिए कुछ नहीं है।”
यूएसएस निमिट्ज़, अमेरिकी नौसेना के सबसे प्रसिद्ध और पुराने विमानवाहक पोतों में से एक, वर्तमान में अपनी अंतिम तैनाती (final deployment) पर है। यह पोत हाल ही में मध्य पूर्व से लौटा था, जहाँ उसने यमनी हूथी विद्रोहियों के खिलाफ अमेरिकी अभियानों में भूमिका निभाई थी।
दक्षिण चीन सागर में यह दुर्घटना ऐसे समय में हुई है जब इस क्षेत्र में अमेरिका और चीन के बीच सैन्य तनाव लगातार बढ़ रहा है। अमेरिकी युद्धपोत और विमानों की इस क्षेत्र में नियमित तैनाती बीजिंग को लगातार असहज करती रही है।
हालांकि, नौसेना अधिकारियों का कहना है कि फिलहाल यह हादसा किसी बाहरी कारण या टकराव से संबंधित नहीं लगता। सभी प्रभावित कर्मियों को सुरक्षित निकाल लिया गया है और समुद्र में मलबे की तलाश और तकनीकी मूल्यांकन कार्य जारी है।
यूएसएस निमिट्ज़ को अमेरिकी नौसेना का प्रतीकात्मक “फ्लोटिंग सिटी” कहा जाता है, जिसमें 5,000 से अधिक सैनिक और 60 से ज्यादा विमान तैनात रहते हैं। इसके सेवानिवृत्त होने के बाद अमेरिकी नौसेना इसे फोर्ड-क्लास सुपरकैरियर्स से बदलने की योजना बना रही है।
अभी यह स्पष्ट नहीं है कि हादसे का नतीजा क्या प्रभाव डालेगा, लेकिन विशेषज्ञों के अनुसार यह घटना अमेरिका की सुरक्षा प्रणालियों और समुद्री परिचालन सुरक्षा मानकों पर गंभीर सवाल उठाती है।
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