मूल रूप से लखनऊ की रहने वाली रितु करिधाल, जिसे आज पूरा विश्व रॉकेट लेडी के नाम से पुकार रहा है। इसी महिला वैज्ञानिक के नेतृत्व में ही चंद्रयान-3 अपने पथ पर बढ़ चला है। रितु की इस उपलब्धि पर जहां पूरा देश उसे बधाई दे रहा तो उसके स्कूल का स्टॉफ गौरवांवित हो रहा है। वहीं टीचर्स के मुताबिक जब भी कोई खाली पीरियड होता, वह चुपचाप एसेंबली ग्राउंड में चली जाती और वहीं बैठकर आसमान को निहारा करती थी। उन्हीं दिनों उसने अपना लक्ष्य सबको बता दिया था।
महिला वैज्ञानिक रितु की प्रारंभिक शिक्षा लखनऊ के राजाजीपुरम स्थित एक प्राइवेट स्कूल से हुई। उसकी टीचर्स बताती हैं कि रितु कोई साधारण लड़की नहीं थी। टीचर्स के मुताबिक रितु ने ना केवल अपने परिवार का बल्कि अपने स्कूल और अपने देश का नाम भी रोशन किया है।
रितु के परिवार से बातचीत के दौरान उसके भाई ने बताया कि मेरी बहन की शुरू से ही इन सब चीजों में रुचि थी। और वह पढ़ाई में बहुत तेज थी। जब हम लोग खेलने के लिए जाया करते थे तो वह पापा से कहती थी कि उसे किसी साइंस लैब में जाना है। उसे नई नई चीजें देखना और नई नई चीजों का एक्सपेरिमेंट करना पसंद था।
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