33 C
Mumbai
Saturday, May 24, 2025
होमदेश दुनियामीठा-तैलीय भोजन दिमाग को करता है प्रभावित, वैज्ञानिकों ने जताई चिंता!

मीठा-तैलीय भोजन दिमाग को करता है प्रभावित, वैज्ञानिकों ने जताई चिंता!

वसायुक्त और मीठा खाना खाने की आदत से दिमाग की कुछ क्षमताएं कमजोर हो सकती हैं, खासकर वह हिस्सा जो दिशा और याददाश्त से जुड़ा होता है।

Google News Follow

Related

सिडनी के शोधकर्ताओं ने पाया है कि अधिक वसायुक्त और मीठा खाना दिमाग पर बुरा असर डालता है।  सिडनी विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने एक अध्ययन में यह जानने की कोशिश की कि ज्यादा वसा (फैट) और चीनी वाले खाने (विशेषकर रिफाइंड शुगर और सैचुरेटेड फैट) का असर हमारे दिमाग की दिशा पहचानने की क्षमता पर क्या होता है।
इसे स्पाशियल नेविगेशन कहते हैं जो एक जगह से दूसरी जगह का रास्ता याद रखने की क्षमता होती है। जो बताती है कि आपके दिमाग का हिप्पोकैम्पस नाम का हिस्सा कितना स्वस्थ है। यह रिसर्च इंटरनेशनल जर्नल ऑफ ओबेसिटी में छपी है।

इस अध्ययन का नेतृत्व डॉ. डॉमिनिक ट्रान ने किया। उन्होंने बताया कि वसायुक्त और मीठा खाना खाने की आदत से दिमाग की कुछ क्षमताएं कमजोर हो सकती हैं, खासकर वह हिस्सा जो दिशा और याददाश्त से जुड़ा होता है।

अच्छी बात यह है कि यह असर स्थायी नहीं होता। डॉ. ट्रान के मुताबिक अगर हम अपना खानपान सुधार लें, तो हमारा दिमाग फिर से अच्छा काम करने लगता है। जैसे कि किसी नई जगह रास्ता पहचानना या नया रास्ता याद रखना।

इस अध्ययन में 18 से 38 साल की उम्र के 55 विश्वविद्यालय छात्रों को शामिल किया गया। उनसे पूछा गया कि वे कितना फैट और चीनी वाला खाना खाते हैं। फिर उनका वजन, याद रखने की क्षमता और दिमागी दिशा-ज्ञान की परीक्षा ली गई।

इस परीक्षण में उन्हें वर्चुअल रियलिटी की एक भूलभुलैया में रखा गया, जहां उन्हें एक खजाने की पेटी का पता लगाना था। प्रयोग में लोगों को छह बार इस खजाने की पेटी ढूंढनी थी। भूलभुलैया के चारों ओर कुछ खास चीजें थीं, जिनकी मदद से लोग अपना रास्ता याद रख सकते थे। हर बार जब प्रयोग किया गया, तो शुरू करने की जगह और खजाने की पेटी की जगह एक ही थी।

अगर प्रतिभागी 4 मिनट के अंदर खजाना ढूंढ लेते, तो अगला राउंड शुरू हो जाता। अगर वे इतने समय में खजाना नहीं ढूंढ पाए, तो उन्हें तुरंत खज़ाने की जगह पर पहुँचा दिया गया और अगले राउंड से पहले उस जगह को अच्छी तरह से देखने के लिए 10 सेकंड दिए गए।

जिन छात्रों ने कम फैट और कम शुगर वाला खाना खाया था, उन्होंने खजाने का स्थान ज्यादा सही ढंग से पहचाना। डॉ. ट्रान ने बताया यह देखा गया कि ज्यादा चीनी और फैट खाने वाले छात्रों का प्रदर्शन कमजोर रहा। इससे यह बात और पक्की हो जाती है कि अगर हम अपने खानपान में सुधार करें, तो हम अपने दिमाग को तेज और स्वस्थ बनाए रख सकते हैं।

वैज्ञानिक पहले से ही जानते हैं कि ज़्यादा फैट और शुगर खाना मोटापा, हार्ट की बीमारी और कुछ कैंसर की वजह बन सकता है। अब यह भी साफ हो रहा है कि यह आदत दिमाग को भी नुकसान पहुंचाती है और वह भी कम उम्र में।

डॉ. ट्रान ने कहा, “यह शोध बताता है कि अच्छा खानपान सिर्फ शरीर ही नहीं, दिमाग की सेहत के लिए भी जरूरी है। खासकर युवावस्था में, जब हमारा दिमाग सबसे अच्छा काम करता है।”

यह भी पढ़ें-

भारत बदल रहा, भारतीय महिलाएं भी आगे बढ़ रहीं – निर्मला सीतारमण!

लेखक से अधिक

कोई जवाब दें

कृपया अपनी टिप्पणी दर्ज करें!
कृपया अपना नाम यहाँ दर्ज करें

The reCAPTCHA verification period has expired. Please reload the page.

हमें फॉलो करें

98,039फैंसलाइक करें
526फॉलोवरफॉलो करें
249,000सब्सक्राइबर्ससब्सक्राइब करें

अन्य लेटेस्ट खबरें