30 C
Mumbai
Friday, April 11, 2025
होमदेश दुनियाटैरिफ का कहर: गोल्ड और क्रूड ऑयल की कीमतों में आई जबरदस्त...

टैरिफ का कहर: गोल्ड और क्रूड ऑयल की कीमतों में आई जबरदस्त गिरावट!

बीते कुछ हफ्तों में क्रूड ऑयल की कीमतों में कुल मिलाकर करीब 14 प्रतिशत की गिरावट आ चुकी है।

Google News Follow

Related

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा घोषित रेसिप्रोकल टैरिफ नीति का असर अब वैश्विक कमोडिटी बाजार में खुलकर सामने आ रहा है। अंतरराष्ट्रीय दबावों और आर्थिक अनिश्चितताओं के बीच सोमवार को सोने, चांदी और क्रूड ऑयल की कीमतों में भारी गिरावट दर्ज की गई। यह गिरावट निवेशकों के बीच घबराहट और अनिश्चितता को और गहरा कर रही है।

इंडियन बुलियन ज्वैलर्स एसोसिएशन (IBJA) के अनुसार, 24 कैरेट सोना सोमवार को 2,613 रुपये की बड़ी गिरावट के साथ 88,401 रुपये प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गया, जबकि शुक्रवार को इसकी कीमत 91,014 रुपये थी।
22 कैरेट सोना गिरकर 86,280 रुपये प्रति 10 ग्राम और 18 कैरेट सोना 78,680 रुपये प्रति 10 ग्राम पर आ गया।

इसी तरह चांदी की कीमतों में भी तेज गिरावट देखी गई। एक किलो चांदी 4,535 रुपये टूटकर 88,375 रुपये पर आ गई, जो कि शुक्रवार को 92,910 रुपये प्रति किलो थी।

इस गिरावट का प्रमुख कारण अंतरराष्ट्रीय बाज़ार में कमजोर ट्रेंड बताया जा रहा है। ग्लोबल मार्केट में सोने का भाव 3,201 डॉलर प्रति औंस के ऐतिहासिक उच्च स्तर से फिसलकर अब 3,060 डॉलर प्रति औंस पर पहुंच गया है। चांदी का दाम भी 35 डॉलर प्रति औंस से गिरकर 30.40 डॉलर प्रति औंस पर आ चुका है।

टैरिफ युद्ध का सबसे तीखा असर कच्चे तेल की कीमतों पर पड़ा है। अमेरिकी नीतियों के बाद वैश्विक मंदी की आशंका और मांग में संभावित गिरावट के चलते सोमवार को ब्रेंट क्रूड की कीमत 2.12 प्रतिशत टूटकर 64.24 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गई। वहीं, डब्ल्यूटीआई क्रूड में 2.24 प्रतिशत की गिरावट दर्ज हुई और यह 60.61 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया।

बीते कुछ हफ्तों में क्रूड ऑयल की कीमतों में कुल मिलाकर करीब 14 प्रतिशत की गिरावट आ चुकी है। विशेषज्ञों का मानना है कि अमेरिका द्वारा लगाए गए टैरिफ के कारण वैश्विक व्यापार पर असर पड़ा है, जिससे आर्थिक सुस्ती की आशंका और अधिक प्रबल हो गई है। नतीजतन, कच्चे तेल की वैश्विक मांग में गिरावट आ सकती है।

विश्लेषकों का मानना है कि इस समय बाजार में अस्थिरता और दबाव की स्थिति बनी रह सकती है। ऐसे में निवेशकों को सतर्क रहकर रणनीतिक निर्णय लेने की जरूरत है। कमोडिटी बाजार में अगले कुछ हफ्ते बेहद निर्णायक साबित हो सकते हैं।

यह भी पढ़ें:

आईएसएल-25: हार कर भी बेंगलुरू एफसी बनी बाजीगर, पहुंची फाइनल!

कांगो: राजधानी किंशासा में मूसलाधार बारिश, बाढ़ से 33 लोगों की मौत!

अमेरिका-चीन व्यापार युद्ध: पाकिस्तान स्टॉक एक्सचेंज ‘गिरा धड़ाम’!

लेखक से अधिक

कोई जवाब दें

कृपया अपनी टिप्पणी दर्ज करें!
कृपया अपना नाम यहाँ दर्ज करें

The reCAPTCHA verification period has expired. Please reload the page.

हमें फॉलो करें

98,150फैंसलाइक करें
526फॉलोवरफॉलो करें
241,000सब्सक्राइबर्ससब्सक्राइब करें

अन्य लेटेस्ट खबरें