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Tuesday, May 20, 2025
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भारत से जंग की टेंशन: क्या हथियारों की किल्लत से जूझता पाकिस्तान?

भारत से बढ़े तनाव के बीच पाकिस्तानी सेना इन दिनों एक और संकट से जूझ रही है। अगर युद्ध होता है तो दुश्मन देश कितने दिन टिक पाएगा?

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जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव अपने चरम पर है। आतंक के पनाहगार पाकिस्तान को जवाब देने के लिए भारत पूरी तरह से तैयार है। सेनाएं अलर्ट मोड पर हैं। जमीन से लेकर आकाश और पानी तक चारों ओर भारत ने अपना सुरक्षा घेरा मजबूत कर लिया है।

भारत ने पाकिस्तान पर कई प्रतिबंध भी लगा दिए हैं। भारत की तैयारी देख पाकिस्तान में डर बढ़ गया है। ऐसा इसलिए भी है क्योंकि अगर जंग होती है तो वो ज्यादा दिन भारत के सामने टिक नहीं पाएगा। पाकिस्तान के पास हथियारों की भारी किल्लत है। आइए जानते हैं अगर युद्ध होता है तो दुश्मन देश कितने दिन टिक पाएगा? हथियारों की किल्लत क्यों हुई? भारत की तैयारी क्या है?

भारत से बढ़े तनाव के बीच पाकिस्तानी सेना इन दिनों एक और संकट से जूझ रही है। बताया जा रहा है कि पाकिस्तानी तोपों में इस्तेमाल होने वाले गोला-बारूद की भारी कमी हो गई है। पाकिस्तान के पास अब सिर्फ 96 घंटे यानी चार दिन तक ही किसी बड़े युद्ध में अपनी तोपों और रॉकेट सिस्टम को चलाने के लिए गोला-बारूद बचा है।

यह स्थिति उसके लिए खासतौर पर खतरनाक है क्योंकि पाकिस्तान की सैन्य नीति भारत के मुकाबले तेजी से मोर्चा संभालने पर आधारित है। इसके लिए उसे 155 मिमी के गोले और 122 मिमी के रॉकेट की जरूरत होती है, जो अब स्टॉक में नहीं हैं। पाकिस्तान ऑर्डनेंस फैक्ट्री, जो सेना के लिए गोला-बारूद बनाती है, पुरानी तकनीक और बढ़ती वैश्विक मांग के कारण नई सप्लाई नहीं जुटा पा रही है।

गोला-बारूद की कमी का सबसे बड़ा कारण खुद पाकिस्तान ही है। हाल ही में पाकिस्तान ने यू्क्रेन को भारी मात्रा में गोला-बारूद बेचा है, जिससे उसके अपने सैन्य भंडार लगभग खाली हो गए हैं। उसकी सेना अब खाली भंडार और कमजोर रक्षा के साथ खड़ी है।

पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति भी ऐसी नहीं है कि गोला-बारूद बनाया जा सके। वहां महंगाई चरम पर है। कर्ज बढ़ता जा रहा है और विदेशी मुद्रा भंडार तेजी से घट रहा है। इसका असर सेना पर भी पड़ा है, जहां अब राशन में कटौती की जा रही है, सैन्य अभ्यास रोके जा रहे हैं और ईंधन की कमी के कारण युद्धाभ्यास स्थगित किए जा रहे हैं।

पाकिस्तान के पास भारत के मुकाबले हथियार नहीं हैं। गोला-बारूद का संकट है। इसके बाद भी पाकिस्तान के नेता गीदड़भभकियां देने से बाज नहीं आ रहे हैं। तनाव बढ़ने के पीछे का सबसे बड़ा कारण यह भी है।

एक ओर जहां हथियारों की किल्लत है तो दूसरी ओर पाकिस्तानी राजदूत कहते हैं कि अगर नई दिल्ली अपने पड़ोसी पर हमला करता है तो इस्लामाबाद परमाणु हथियारों सहित अपनी पूरी ताकत का इस्तेमाल करेगा।

हालांकि, वो शायद यह भूल गए उनका देश पाई-पाई के लिए दुनियाभर के सामने हाथ फैला रहा है। उनकी खुद की आवाम आटे और पानी के लिए जद्दोजहद कर रही है। इससे पहले पाकिस्तानी मंत्री हनीफ अब्बासी, अताउल्लाह तरार, रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ भी हमले की गीदड़ भभकियां दे चुके हैं।

पाकिस्तान इस कदर घबराया हुआ है कि लगातार संघर्ष विराम का उल्लंघन भी कर रहा है। 11 दिन से लगातार पाकिस्तान चौकियों से गोलीबारी की जा रही है। भारतीय सैनिक गोलीबारी का मुंहतोड़ जवाब दे रहे हैं। इसके अलावा उसने शनिवार को अपनी जमीन से जमीन पर मार करने वाली अब्दाली मिसाइल का परीक्षण करने का दावा किया।

इस मिसाइल की रेंज 450 किलोमीटर है। इतना ही नहीं पाकिस्तान ने अपने फाइटर जेट्स को फॉरवर्ड एयरबेस पर तैनात किया हुआ है और उसके विमान लगातार निगरानी कर रहे हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, विमानों से निगरानी और सैनिकों की मूवमेंट आदि के काम में ही पाकिस्तान की सेना हजारों करोड़ रुपये फूंक चुकी है।

पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ सख्त रुख अपनाया है। भारत ने पाकिस्तान के साथ राजनयिक संबंधों को कमतर कर दिया। सिंधु जल संधि को निलंबित कर दिया गया। पाकिस्तानी नागरिकों को जारी किए गए सभी वीजा रद्द कर दिया गया।

पाकिस्तानी एयरलाइनों के लिए हवाई क्षेत्र बंद कर दिया गया। इसके साथर ही भारत ने पाकिस्तान से प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष आयात पर तुरंत प्रभाव से रोक लगा दी है। साथ ही पाकिस्तान से आने वाले डाक-पार्सल पर भी रोक लगा दी गई है। भारत ने पाकिस्तान का झंडा लगे जहाजों को भी भारत के बंदरगाहों पर रुकने से रोक लगा दी है।

22 अप्रैल को आतंकवादियों ने जम्मू-कश्मीर के बैसरन घाटी में घूमने आए पर्यटकों की गोली मारकर निर्मम हत्या कर दी थी। इलाके को मिनी स्विट्जरलैंड कहा जाता है। यहां केवल पैदल या घोड़े पर बैठकर पहुंचा जा सकता है। इस प्रक्रिया में एक नेपाली नागरिक सहित 26 लोग मारे गए थे।

आतंकवादियों ने गैर-मुस्लिम पर्यटकों को निशाना बनाया था। उन्होंने पर्यटकों से उनका धर्म और पहचान पूछकर गोली मारी थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हमले के बाद से ही कई महत्वपूर्ण सुरक्षा और कैबिनेट बैठकें कीं और देश से वादा किया कि  उनकी सरकार पहलगाम हमले में शामिल आतंकवादियों को बख्शेगी नहीं।
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