बिहार के वाल्मीकिनगर और बीरपुर बैराजों से लगातार पानी छोड़ने के बाद संपूर्ण प्रदेश में बाढ़ स्थिती उत्पन्न हुई है। बिहार सरकार ने बीरपुर और वाल्मीकिनगर से पानी छोड़ने के बाद राज्य के दक्षिणी, उत्तरी, और मध्य हिस्सों को बाढ़ की चेतावनी दी है। स्थानिक न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार शनिवार की रात बीरपुर बैराज से भारी मात्रा में पानी छोड़े जाने के बाद गोपालपुर के पास कोसी पूर्वी तटबंध से भी रिसाव की सुचना मिली है।
इसी बीच खबर आयी है की सीतामढ़ी जिले मधकौल गांव में बागमती नदी का तटबंध टूट गया है। अधिकारीयों ने बताया है की इसकी मरम्मत जारी है।सीतामढ़ी के जिला मजिस्ट्रेट रिची पांडे ने कहा, ‘इस घटना के कारण, ग्रामीणों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है और मरम्मत कार्य जारी है, साथ ही किसी के हताहत होने की खबर भी नहीं आयी है।’
कोसी पूर्वी तटबंध से भी रिसाव के दरम्यान जल संसाधन विभाग के इंजीनियरों ने तटबंध की मरम्मत की है। कोसी नदी पर बीरपुर बैराज से सुबह पांच बजे तक कुल 6.61 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया था। रिपोर्ट के अनुसार यह पिछले 56 सालों में सबसे ज्यादा है।
अधिकारियों ने कहा कि इस बैराज को खोलने से 13 जिलों के 16.28 लाख से अधिक लोगों का जीवन प्रभावित हो सकते है, जो पहले से ही भारी बारिश के बाद बाढ़ से प्रभावित थे। एहतियात के तौर पर कोसी बैराज के पास यातायात की आवाजाही रोक दी गई है। इसी तरह गंडक पर वाल्मिकीनगर बैराज से शनिवार रात 5.62 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया।
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प्रशासन की और से बताया गया है की जल संसाधन विभाग की 90 इंजीनियरों की टीम 24 घंटे काम में लगाई गई है। किसी भी कटाव या खतरे की जानकरी पाते ही तुरंत कारवाई करने के उद्देश्य से यह व्यवस्था बनाई है। विभाग के 3 चीफ इंजिनियर, 17 एग्जीक्यूटिव इंजीनियर, 25 असिस्टैंट और 45 जूनियर इंजिनियर है अलर्ट मोड़ पर 24 घंटे निगरानी करेंगे। दरम्यान जल संसाधन मंत्री ने कहा है की, घबराने की कोई जरूरत नहीं है।