नई दिल्ली।केंद्रीय मंत्रिमंडल में विस्तार की सुगबुगाहट फिर तेज हो गई है। संभावना जताई जा रही है कि अगले कुछ दिनों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी कैबिनेट में बड़ा बदलाव कर सकते हैं। कई नए चेहरे भी मंत्रिमंडल में शामिल हो सकते हैं।
सूत्रों की मानें तो कैबिनेट के 30-35 फीसदी चेहरे बदल सकते हैं। मौजूदा समय में कैबिनेट में 21 कैबिनेट मंत्री हैं जिनकी संख्या बढ़ सकती है। जबकि स्वतंत्र प्रभार के नौ और राज्यमंत्री 23 हैं। इनकी संख्या में भी इजाफा किया जा सकता है। उत्तर प्रदेश समेत चुनाव वाले राज्यों के समीकरण साधने पर विशेष जोर दिया जा सकता है। उत्तर प्रदेश से आने वाले मंत्रियों की संख्या बढ़ाने के साथ-साथ उन्हें बड़े मंत्रालय दिए जा सकते हैं जो सीधे जनता से जुड़े हों।
फेरबदल की अटकलों के बीच मंत्रियों की भी सांसें अटकी हुई हैं। दरअसल, पिछले सप्ताह एक कैबिनेट बैठक में प्रधानमंत्री की तरफ से कड़े फैसले लेने के संकेत दिए गए।हाल में प्रधानमंत्री ने कई समूहों में बैठकें कर मंत्रियों के कामकाज की भी समीक्षा की है। सूत्रों के अनुसार, सहयोगी दलों खासकर जदयू के कैबिनेट में शामिल होने की संभावनाएं कम हैं। दरअसल, जदयू में मंत्री बनने के दावेदार ज्यादा हैं लेकिन सरकार एक या दो से ज्यादा मंत्री उसके कोटे से बनाने के पक्ष में नहीं है। हालांकि सहयोगी कोटे के तीन कैबिनेट पद खाली हैं जिनमें रामविलास पासवान, अरिवंद सांवत और हरसिमरत कौर के मंत्रालय शामिल हैं। लेकिन खाली जगहों पर आगामी चुनाव वाले राज्यों से प्रतिनिधित्व बढ़ाने पर जोर रहेगा। यह संभव है कि उत्तर प्रदेश के छोटे सहयोगी दलों से एक-दो राज्यमंत्री बनाए जाएं।