अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर अंतरराष्ट्रीय मंच पर अपने बयानों से सनसनी मचाई है। उन्होंने ने अपने एक बयान में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को “पागल” बताते हुए यूक्रेन पर हो रहे हमलों की आलोचना की है। साथ ही, उन्होंने यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि उनकी बयानबाज़ी से स्थिति और बिगड़ रही है।
ट्रंप की यह टिप्पणी रूस द्वारा यूक्रेन पर किए गए हालिया बड़े हवाई हमले के बाद आई है, जिसमें कई आम नागरिकों की मौत हुई है, जिनमें मासूम बच्चे भी शामिल हैं। हमले के बाद यूक्रेन के उत्तर-पश्चिमी जाइटॉमिर क्षेत्र में 8 और 12 वर्ष के दो बच्चों और एक 17 वर्षीय किशोर की मौत की पुष्टि की गई है।
अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘ट्रुथ सोशल’ पर ट्रंप ने लिखा, “मेरे और व्लादिमीर पुतिन के बीच हमेशा बहुत अच्छे रिश्ते रहे हैं, लेकिन उनको कुछ हो गया है। वह पूरी तरह पागल हो गए हैं। वह बेवजह कई लोगों को मार रहे हैं और मैं सिर्फ सैनिकों की बात नहीं कर रहा। मिसाइलें और ड्रोन यूक्रेन के शहरों में बिना किसी कारण के दागे जा रहे हैं।”
ट्रंप ने आशंका जताई कि पुतिन यूक्रेन का केवल एक हिस्सा नहीं बल्कि पूरा देश चाहते हैं। उन्होंने चेताया कि यदि ऐसा हुआ, तो इससे खुद रूस को भारी नुकसान उठाना पड़ेगा।
यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की के उस बयान पर भी ट्रंप ने प्रतिक्रिया दी, जिसमें जेलेंस्की ने कहा था कि “अमेरिका की चुप्पी ने पुतिन को और साहसी बना दिया है।” इस पर ट्रंप ने जवाब दिया, “जेलेंस्की अपने देश का भला नहीं कर रहे। उनके मुंह से निकलने वाली हर बात समस्याएं पैदा करती हैं। मुझे यह पसंद नहीं और इसे बंद करना होगा। अगर मैं राष्ट्रपति होता तो यह युद्ध कभी शुरू ही नहीं होता।”
ट्रंप ने इस संघर्ष से खुद को अलग करते हुए कहा, “यह जेलेंस्की, पुतिन और बाइडन का युद्ध है, न कि ट्रंप का। मैं केवल उन बड़ी और भयानक आग को बुझाने में मदद कर रहा हूं, जो घोर अक्षमता और नफरत के कारण शुरू हुई हैं।” उन्होंने यह भी संकेत दिया कि वह रूस पर और कड़े प्रतिबंध लगाने पर विचार कर सकते हैं, हालांकि अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने कांग्रेस को बताया है कि ट्रंप का मानना है कि प्रतिबंधों की धमकी रूस को बातचीत से हटा सकती है।
यह हमले ऐसे समय में हुए हैं जब रूस और यूक्रेन ने हाल ही में एक बड़ी कैदियों की अदला-बदली की थी, जिसमें दोनों ओर से लगभग 1,000 कैदी रिहा किए गए थे। इस बीच, रूस द्वारा किए गए हमलों ने एक बार फिर अंतरराष्ट्रीय समुदाय की चिंता बढ़ा दी है।
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