27.6 C
Mumbai
Tuesday, June 24, 2025
होमदेश दुनियाभारत से समझौते रद्द होती है लुढ़के तुर्की कंपनी के शेयर

भारत से समझौते रद्द होती है लुढ़के तुर्की कंपनी के शेयर

सेलेबी एयरपोर्ट सर्विसेज का आंशिक स्वामित्व तुर्की राष्ट्रपति रेचप तैय्यप एर्दोगन की बेटी सुमेये एर्दोगन के पास है।

Google News Follow

Related

भारत सरकार द्वारा तुर्की की ग्राउंड हैंडलिंग कंपनी सेलेबी एयरपोर्ट सर्विसेज इंडिया प्राइवेट लिमिटेड की सुरक्षा मंजूरी रद्द किए जाने के बाद शुक्रवार को कंपनी के शेयरों में भारी गिरावट देखने को मिली। तुर्की की यह विवादित फर्म पिछले चार कारोबारी सत्रों में करीब 30% तक टूट चुकी है, और शुक्रवार को इसके शेयरों में 10% की गिरावट दर्ज की गई।

इस फैसले की पृष्ठभूमि में हाल ही में सामने आया ‘ऑपरेशन सिंदूर’ है, जिसके दौरान तुर्की ने पाकिस्तान का खुला समर्थन किया था। इस घटना के बाद भारत में तुर्की और उसकी कंपनियों के खिलाफ जनाक्रोश और बहिष्कार की मांग ज़ोर पकड़ने लगी।

गुरुवार को नागर विमानन मंत्रालय की ओर से जारी आदेश में कहा गया, “राष्ट्रीय सुरक्षा के हित में सेलेबी एयरपोर्ट सर्विसेज इंडिया प्राइवेट लिमिटेड की सिक्योरिटी क्लियरेंस को तत्काल प्रभाव से रद्द किया जाता है।”

नागर विमानन एवं सहकारिता राज्य मंत्री मुरलीधर मोहोल ने भी यह स्पष्ट किया कि सरकार इस मुद्दे को अत्यंत गंभीरता से ले रही है। उन्होंने कहा, “राष्ट्र की सुरक्षा और हितों को सुनिश्चित करना हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है।”

मंत्रालय के आदेश के बाद, देशभर के प्रमुख एयरपोर्ट ऑपरेटरों ने सेलेबी के साथ अपने अनुबंधों को तत्काल प्रभाव से रद्द करना शुरू कर दिया है।

  • दिल्ली इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (DIAL) ने इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे पर ग्राउंड हैंडलिंग और कार्गो ऑपरेशन के लिए सेलेबी के अनुबंध को खत्म कर दिया।

  • अदाणी एयरपोर्ट होल्डिंग्स ने मुंबई और अहमदाबाद एयरपोर्ट्स पर भी सेलेबी के साथ सभी करार रद्द कर दिए।

  • बेंगलुरु के केम्पेगौड़ा अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पर भी सेलेबी के संचालन को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है।

रिपोर्टों के अनुसार, सेलेबी एयरपोर्ट सर्विसेज का आंशिक स्वामित्व तुर्की राष्ट्रपति रेचप तैय्यप एर्दोगन की बेटी सुमेये एर्दोगन के पास है। उनकी शादी सेलकुक बेराकटार से हुई है, जो उस कंपनी के प्रमुख हैं जिसने बेराकटार सैन्य ड्रोन बनाए हैं। इन ड्रोनों का उपयोग पाकिस्तान ने भारत के खिलाफ किया था, जिससे यह मामला और अधिक संवेदनशील हो गया है।

भारत सरकार का यह निर्णय सिर्फ एक कॉर्पोरेट कार्रवाई नहीं, बल्कि एक साफ संदेश है — राष्ट्रीय सुरक्षा से बड़ा कोई व्यावसायिक हित नहीं। तुर्की के दोहरे रवैये के बीच सेलेबी जैसी कंपनियों को भारत में संचालित करने की अनुमति देना, रणनीतिक रूप से आत्मघाती होता।

अब यह देखना बाकी है कि क्या भारत इस फैसले के बाद अन्य विदेशी कंपनियों की सुरक्षा मंजूरी की भी पुनर्समीक्षा करेगा, खासकर उन कंपनियों की जिनके परोक्ष या अपरोक्ष संबंध उन देशों से हैं जो भारतविरोधी रुख रखते हैं। लेकिन एक बात तय है — ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की गूंज अब सिर्फ सीमा पर नहीं, बल्कि कॉरपोरेट बोर्डरूम तक पहुंच चुकी है।

यह भी पढ़ें:

“सेना के शौर्य पर गर्व, तिरंगा यात्रा देशभक्ति का प्रतीक”

कांग्रेस पर जगदीश देवड़ा जी के बयान को तोड़ मरोड़कर पेश करने का आरोप !

“अगर मैं कोच होता तो रोहित सिडनी टेस्ट खेलता” — रवि शास्त्री की दो टूक

National Stock Exchange

लेखक से अधिक

कोई जवाब दें

कृपया अपनी टिप्पणी दर्ज करें!
कृपया अपना नाम यहाँ दर्ज करें

The reCAPTCHA verification period has expired. Please reload the page.

Star Housing Finance Limited

हमें फॉलो करें

98,434फैंसलाइक करें
526फॉलोवरफॉलो करें
253,000सब्सक्राइबर्ससब्सक्राइब करें

अन्य लेटेस्ट खबरें