पहलगाम में हुए भयावह आतंकी हमले के ठीक एक दिन बाद, जम्मू-कश्मीर के बारामूला जिले के उरी सेक्टर में सुरक्षाबलों ने आतंक के खिलाफ एक निर्णायक जवाब दिया है। नियंत्रण रेखा पर सतर्क सुरक्षा बलों ने दो आतंकवादियों को मुठभेड़ में ढेर कर घाटी को एक और बड़े खतरे से बचा लिया है।
भारतीय सेना ने बुधवार (23 अप्रैल)को एक्स पर जानकारी साझा करते हुए बताया कि यह मुठभेड़ उस समय शुरू हुई जब दो से तीन आतंकवादी उरी नाला के सरजीवन क्षेत्र से घुसपैठ की कोशिश कर रहे थे। सेना की चिनार कॉर्प्स ने लिखा, “दो से तीन आतंकवादी बारामूला के उरी नाला में सरजीवन के सामान्य क्षेत्र से घुसपैठ का प्रयास कर रहे थे। नियंत्रण रेखा पर सतर्क टीपीएस ने उन्हें चुनौती दी और रोक दिया। इसके कारण सुरक्षा बलों और आतंकवादियों के बीच भारी गोलीबारी हुई, जिसमें दो आतंकवादियों को मार गिराया गया।”
सेना के अनुसार, आतंकियों के पास से भारी मात्रा में हथियार, गोला-बारूद और युद्ध से संबंधित अन्य सामग्री बरामद की गई है। यह मुठभेड़ अभी भी जारी है और सुरक्षा बल इलाके की व्यापक तलाशी में जुटे हुए हैं।
यह कार्रवाई उस घटना के एकदम बाद हुई है जिसने देश और दुनिया को झकझोर दिया था। मंगलवार को पहलगाम के बैसरन घास के मैदान — जिसे प्यार से ‘मिनी स्विट्ज़रलैंड’ कहा जाता है — पर हुए आतंकवादी हमले में कम से कम 16 पर्यटक मारे गए और कई अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए। यह हमला न केवल इंसानियत पर धब्बा है, बल्कि आतंकियों की कायरता का स्पष्ट प्रमाण भी।
इस हमले के बाद से सुरक्षा एजेंसियां चौकस हैं। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी स्थिति की गंभीरता को देखते हुए तत्काल श्रीनगर का दौरा किया। वह उपराज्यपाल मनोज सिन्हा, डीजीपी और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक कर चुके हैं। अस्पताल में भर्ती घायलों से मुलाकात के बाद बुधवार को वह घटनास्थल का दौरा करेंगे।
भारत यह स्पष्ट कर चुका है कि वह आतंकवाद से निपटने में कोई नरमी नहीं बरतेगा। बारामूला की इस कार्रवाई से यह संदेश और स्पष्ट हो गया है — आतंक की हर घुसपैठ अब गोली से जवाब पाएगी, और कश्मीर की वादियों को डर नहीं, सिर्फ अमन की हवा बहाएगी।
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