भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने सोमवार(30 जून) को संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में आतंकवाद के खिलाफ भारत की स्पष्ट और सख्त नीति का दोहराव करते हुए पाकिस्तान पर परोक्ष हमला बोला। उन्होंने कहा कि आतंकवादियों को दंडमुक्ति (impunity) नहीं मिलनी चाहिए, उन्हें प्रॉक्सी के रूप में इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए, और परमाणु ब्लैकमेलिंग की कोई गुंजाइश नहीं होनी चाहिए।
जयशंकर अमेरिका के तीन दिवसीय दौरे पर हैं और उन्होंने संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में ‘द ह्यूमन कॉस्ट ऑफ टेररिज्म’ नामक एक डिजिटल प्रदर्शनी का उद्घाटन किया। इस मौके पर उन्होंने 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले का ज़िक्र करते हुए बताया कि भारत ने किस तरह उसका जवाब दिया।
जयशंकर ने कहा, “दुनिया को कुछ बुनियादी सिद्धांतों पर एक साथ आना होगा – आतंकवादियों को कोई दंडमुक्ति नहीं, उन्हें प्रॉक्सी के रूप में इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए, और परमाणु ब्लैकमेलिंग के आगे नहीं झुकना चाहिए।”
उन्होंने यह भी कहा कि आतंकवाद का कोई भी रूप, कहीं भी हो, वैश्विक शांति के लिए खतरा है और इसे दुनिया भर में समान रूप से गंभीरता से लिया जाना चाहिए।
जयशंकर ने भारत द्वारा पाकिस्तानी प्रायोजित आतंकवाद के खिलाफ चलाए गए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ का भी ज़िक्र किया। यह ऑपरेशन पहलगाम हमले के बदले में शुरू किया गया था, जिसमें 26 निर्दोष लोग मारे गए थे। उन्होंने कहा कि इस हमले के पीछे जो भी राज्य प्रायोजन है, उसे सामने लाना और रोकना जरूरी है।
उन्होंने कहा, “जब आतंकवाद को किसी राज्य द्वारा पड़ोसी देश के खिलाफ प्रायोजित किया जाता है, जब यह कट्टरता और चरमपंथ से प्रेरित होता है, और जब इसके जरिए अवैध गतिविधियों का संचालन होता है, तो इसे सार्वजनिक रूप से उजागर करना ज़रूरी हो जाता है।”
विदेश मंत्री द्वारा उद्घाटित डिजिटल प्रदर्शनी में 1993 मुंबई बम धमाके, 2008 मुंबई आतंकी हमले, और हालिया पहलगाम हमले सहित दुनिया भर के प्रमुख आतंकवादी हमलों को दर्शाया गया है। प्रदर्शनी में न केवल घटनाओं का चित्रण किया गया है, बल्कि जिम्मेदार आतंकी संगठनों और व्यक्तियों के नाम, विशेषकर पाकिस्तान-आधारित आतंकियों के नाम भी उजागर किए गए हैं।
इस प्रदर्शनी में संयुक्त राष्ट्र के राजदूतों, वरिष्ठ अधिकारियों, और प्रतिनिधियों की भारी मौजूदगी रही। जयशंकर ने अपने संबोधन में स्पष्ट कहा कि आतंकवाद के खिलाफ ‘ज़ीरो टॉलरेंस’ ही एकमात्र नीति होनी चाहिए।
जयशंकर ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) द्वारा पहलगाम हमले की कड़ी निंदा किए जाने को एक अहम वैश्विक संदेश बताया। उन्होंने कहा, “हमने देखा है कि UNSC ने इस भयानक आतंकवादी कृत्य की निंदा की और जिम्मेदारों को न्याय के कटघरे में लाने की मांग की। हमने जवाब दिया और यही आतंकवाद के प्रति ज़ीरो टॉलरेंस नीति का वैश्विक संदेश है।”
जयशंकर का यह संबोधन ऐसे समय आया है जब भारत लगातार वैश्विक मंचों पर आतंकवाद, खासकर पाकिस्तान समर्थित आतंकवाद, के खिलाफ दबाव बनाने की कोशिश कर रहा है। संयुक्त राष्ट्र में दिया गया यह संदेश न केवल भारत की सुरक्षा नीति को स्पष्ट करता है, बल्कि दुनिया को राज्य प्रायोजित आतंकवाद की गंभीरता का एहसास भी कराता है।
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