हिमाचल प्रदेश में बीते कुछ दिनों से हो रही भीषण बारिश ने जनजीवन को पूरी तरह अस्त-व्यस्त कर दिया है। बारिश से जुड़ी घटनाओं में अब तक 17 लोगों की मौत हो चुकी है। राज्यभर में चंडीगढ़-मनाली नेशनल हाईवे पर आवाजाही बाधित हो गई है, वहीं ब्यास नदी का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर बह रहा है।
भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने मंगलवार (1 जून) को पूरे राज्य में रेड अलर्ट जारी किया है। मंडी जिला सबसे ज्यादा प्रभावित है, जहां भारी बारिश के कारण सड़कों, बिजली आपूर्ति और जल योजनाओं को भारी नुकसान पहुंचा है। हिमाचल प्रदेश राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (HPSDMA) के अनुसार, भारी बारिश के कारण राज्य में 259 सड़कें बंद हो गई हैं, 614 बिजली ट्रांसफार्मर (DTR) ठप हो चुके हैं और 130 जल आपूर्ति योजनाएं प्रभावित हुई हैं।
मंडी जिले में ही 139 सड़कें बंद हैं और 314 ट्रांसफार्मर ठप पड़े हैं। मंडी के गोहर (199 ट्रांसफार्मर), मंडी-2 (79) और जे नगर (18) सबसे अधिक प्रभावित हैं। ब्यास नदी का जलस्तर मंडी में खतरे के निशान से ऊपर है। मंडी के कसोंग क्षेत्र में बादल फटने से एक व्यक्ति की मौत हो गई। वहीं स्यांज में एक मकान बह जाने से सात लोग लापता बताए जा रहे हैं। स्थानीय प्रशासन और आपदा राहत टीमें लगातार खोज और राहत कार्य में जुटी हैं।
सिरमौर जिले में 92 जल आपूर्ति योजनाएं ठप, जिनमें नोह्राधार में 19 और पच्छाद में 16 योजनाएं शामिल हैं। कुल्लू में 20 सड़कें बंद और 47 जल योजनाएं बाधित, खासकर कुल्लू, लारजी और आनी उपमंडलों में। लाहौल-स्पीति में 139 ट्रांसफार्मर केवल स्पीति क्षेत्र में खराब हुए हैं, जो कि किसी एक स्थान पर सबसे अधिक है।
राज्य सरकार और प्रशासन ने जनता से घर के अंदर रहने और अनावश्यक यात्रा से बचने की अपील की है, खासकर पहाड़ी और संवेदनशील क्षेत्रों में। राज्य के आपात संचालन केंद्र (SEOC) के एक अधिकारी ने ANI को बताया,
“मानसून अपनी पकड़ मजबूत कर रहा है और इसका असर राज्य के कई जिलों में साफ दिख रहा है। सड़कें, बिजली और पानी की आपूर्ति बुरी तरह प्रभावित हुई है।”
IMD ने इससे पहले कांगड़ा, मंडी, सिरमौर और शिमला जिलों के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया था। अब पूरे राज्य के लिए रेड अलर्ट जारी किया गया है। इन जिलों में आगामी दिनों में भारी से अति भारी वर्षा की संभावना जताई गई है।
हिमाचल प्रदेश इस समय प्राकृतिक आपदा के गंभीर संकट से जूझ रहा है। मृतकों की संख्या और बढ़ सकती है क्योंकि कई जगहों पर राहत कार्य अभी भी जारी हैं। सरकार द्वारा गठित आपदा प्रबंधन टीमें मौके पर तैनात हैं, लेकिन हालात को सामान्य होने में समय लग सकता है। आम लोगों को सलाह दी गई है कि वे मौसम पूर्वानुमान पर ध्यान दें और पूरी सतर्कता बरतें।
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