अमेरिका और ईरान के बीच चौथे दौर की अप्रत्यक्ष परमाणु वार्ता के बाद भी कूटनीतिक तनाव थमने का नाम नहीं ले रहा है। मस्कट (ओमान) में संपन्न इस वार्ता के तुरंत बाद अमेरिका ने ईरान के तीन नागरिकों और एक संस्था पर नए प्रतिबंधों की घोषणा कर दी है। यह संस्था तेहरान के रक्षात्मक नवाचार और अनुसंधान संगठन (SPND) से जुड़ी है, जिसे अमाद परियोजना के नाम से भी जाना जाता है — और जिसे ईरान के पूर्व परमाणु हथियार कार्यक्रम का उत्तराधिकारी माना जाता है।
अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने सोमवार को एक बयान में कहा “जिन व्यक्तियों को प्रतिबंधित किया गया है वे सभी ऐसी गतिविधियों में शामिल हैं जो सामूहिक विनाश के हथियारों के प्रसार में भौतिक रूप से योगदान करते हैं। ईरान अपने परमाणु कार्यक्रम का पर्याप्त विस्तार करना जारी रखता है और परमाणु हथियारों और परमाणु हथियार वितरण प्रणालियों पर लागू दोहरे उपयोग वाले अनुसंधान और विकास गतिविधियों को अंजाम देता है। ईरान के पास परमाणु हथियार नहीं है, लेकिन फिर भी वह 60 प्रतिशत तक संवर्धित यूरेनियम का उत्पादन कर रहा है। वह विदेशी कंपनियों से दोहरे इस्तेमाल वाली चीजें खरीदने के लिए नकली कंपनियों और एजेंटों का इस्तेमाल करके अपने प्रयासों को छिपा रहा है।”
बयान में आगे कहा गया है, “संयुक्त राज्य अमेरिका की कार्रवाई का उद्देश्य परमाणु हथियारों के अनुसंधान और विकास के लिए एसपीएनडी की क्षमता कम करना है। आज की कार्रवाई यह सुनिश्चित करने के लिए संयुक्त राज्य अमेरिका की प्रतिबद्धता को प्रदर्शित करती है कि ईरान कभी भी परमाणु हथियार प्राप्त न कर सके।” अमेरिकी विदेश मंत्री का यह बयान रविवार को अमेरिका और ईरान द्वारा ओमान की राजधानी मस्कट में अप्रत्यक्ष परमाणु वार्ता के चौथे दौर के समापन के बाद आया।
ईरान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता एस्माईल बाकेई ने ‘एक्स’ पर लिखा, “ईरान-अमेरिका की अप्रत्यक्ष वार्ता का चौथा दौर संपन्न हुआ, एक-दूसरे की स्थिति को बेहतर ढंग से समझने और मतभेदों को दूर करने के लिए उचित और यथार्थवादी तरीके खोजने के लिए कठिन लेकिन उपयोगी वार्ता। अगले दौर का समन्वय और घोषणा ओमान के द्वारा की जाएगी।”
ईरान के विदेश मंत्री सईद अब्बास अराघची ने कहा, “2015 के परमाणु समझौते को पुनर्जीवित करने के लिए ओमान में संयुक्त राज्य अमेरिका के साथ अप्रत्यक्ष वार्ता “बहुत अधिक गंभीर और स्पष्ट” हो गई है। ईरानी राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियन ने तेहरान द्वारा अपने परमाणु बुनियादी ढांचे को नष्ट करने की अमेरिकी मांगों को अस्वीकार कर दिया।”
ओमान की राजधानी में ईरान के सरकारी आईआरआईबी टीवी से बात करते हुए ईरानी विदेश मंत्री ने कहा कि वार्ता सामान्य विषयों से हटकर अधिक विशिष्ट प्रस्तावों पर आ गई है। उन्होंने वार्ता को आगे बढ़ने वाली तो बताया लेकिन मुद्दों की बढ़ती जटिलता को भी स्वीकार किया। साथ ही कहा कि दोनों पक्ष चर्चा जारी रखने पर सहमत हुए हुए हैं।
इस बीच, ईरानी राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियन ने ईरान के परमाणु बुनियादी ढांचे को नष्ट करने की अमेरिकी मांग को दृढ़ता से खारिज कर दिया। पेजेशकियन ने कहा, “ईरान अपने शांतिपूर्ण परमाणु अधिकारों को नहीं छोड़ेगा। हमारा परमाणु कार्यक्रम नागरिक उद्देश्यों के लिए है। इसलिए इसे रोकना स्वीकार नहीं है।”
चौथे दौर की वार्ता के तुरंत बाद अमेरिकी प्रतिबंधों की घोषणा से यह स्पष्ट हो गया है कि दोनों देशों के बीच विश्वास की खाई अब भी गहरी है। जहां ईरान अपनी संप्रभुता और वैज्ञानिक प्रगति पर अडिग है, वहीं अमेरिका किसी भी सूरत में उसे परमाणु हथियार संपन्न राष्ट्र बनने से रोकना चाहता है। अब देखना होगा कि मस्कट की जमीन पर शुरू हुई बातचीत आने वाले दौर में कोई ठोस दिशा लेती है या यह टकराव और गहराता है।
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