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Friday, June 13, 2025
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मदरसे पर चला बुलडोजर, पाकिस्तान कनेक्शन के शक में मौलाना!

मोहम्मद फजल अब्दुल अजीज शेख द्वारा संचालित मदरसे की जगह को सरकार ने लाभार्थियों को आवंटित किया था। उसी प्लॉट पर यह मदरसा खड़ा किया गया

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गुजरात के अमरेली जिले के धारी इलाके में स्थित एक मदरसे पर प्रशासन ने बुलडोजर चलाते हुए उसे ध्वस्त कर दिया। यह कार्रवाई उस वक्त की गई जब मदरसे के संचालक मौलाना मोहम्मद फजल अब्दुल अजीज शेख के पाकिस्तान से कथित डिजिटल संबंध सामने आए। पुलिस जांच में उनके व्हाट्सएप में “पाकिस्तान” से जुड़े कई संदिग्ध ग्रुप्स मिले थे, जिससे मामला गंभीर हो गया।

धारी के हीमखडिपारा क्षेत्र में स्थित इस मदरसे की जमीन सरकार द्वारा गरीब लाभार्थियों को आवंटित की गई थी। लेकिन इस पर मौलाना ने अवैध रूप से मदरसा खड़ा कर लिया था। जांच के दौरान मौलाना मदरसे से जुड़े कोई वैध दस्तावेज प्रस्तुत नहीं कर सके। डिप्टी एसपी पीआर राठौड़ ने बताया, “जांच में यह साबित नहीं हो पाया कि यह जमीन मौलाना की थी। इसलिए प्रशासन ने इसे गिराने का आदेश पारित किया। कार्रवाई के दौरान सुरक्षा व्यवस्था कड़ी रही और अब तक क्षेत्र में कोई कानून व्यवस्था की समस्या उत्पन्न नहीं हुई है।”

प्रांतीय अधिकारी हर्षवर्धन सिंह जडेजा ने भी पुष्टि की कि “यह जमीन गरीब लाभार्थियों को दी गई थी और कब्जा अवैध था। जांच पूरी होने के बाद मदरसे को ध्वस्त किया गया।”

मौलाना के पाकिस्तान कनेक्शन को लेकर सुरक्षा एजेंसियों ने पहले ही सतर्कता बरतनी शुरू कर दी थी। व्हाट्सएप ग्रुप्स में उनकी संदिग्ध मौजूदगी, संवेदनशील संदेशों की मौजूदगी और बिना वैध कागज़ात के मदरसे का संचालन इस कार्रवाई के मुख्य आधार बने। एसपी और कलेक्टर की टीमें लगातार निगरानी में लगी हुई थीं, और अंततः एक सख्त प्रशासनिक कदम उठाया गया।

यह कार्रवाई ऐसे समय में सामने आई है जब भारत-पाकिस्तान के बीच सीमा पर तनाव चरम पर है। हाल ही में भारतीय सेना ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान स्थित आतंकी ठिकानों पर भारी सैन्य कार्रवाई की थी। इसके बाद पाकिस्तान ने जवाबी हमले की कोशिश की, लेकिन भारतीय वायु रक्षा प्रणाली ने उसे नाकाम कर दिया। दोनों देशों के बीच फिलहाल संघर्ष विराम है, मगर स्थिति बेहद नाजुक बनी हुई है।

धारी में की गई यह कार्रवाई न केवल स्थानीय स्तर पर प्रशासनिक सख्ती का उदाहरण है, बल्कि देशभर में इस संदेश को भी पुष्ट करती है कि आतंकी नेटवर्क से जुड़ी किसी भी संदिग्ध गतिविधि को अब बर्दाश्त नहीं किया जाएगा — चाहे वह भेष बदलकर धार्मिक संस्थाओं की आड़ में क्यों न हो।

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