अमेरिकी राष्ट्रपति जो बिडेन ने मंगलवार को व्हाइट हाउस में दो भारतीय-अमेरिकी वैज्ञानिकों को सम्मानित किया। इन दोनों वैज्ञानिकों को प्रौद्योगिकी और नवाचार के लिए राष्ट्रीय पदक से सम्मानित किया गया है। इन दोनों वैज्ञानिकों के नाम अशोक गाडगिल और सुब्रा सुरेश हैं।
भारतीय मूल के दो वैज्ञानिकों को विभिन्न अनुसंधान क्षेत्रों में उनके महत्वपूर्ण योगदान के लिए सम्मानित किया गया है, जिसमें ऐसी खोजें शामिल हैं, जो जीवन रक्षक चिकित्सा उपचार को सक्षम कर सकती हैं, विभिन्न बीमारियों से लड़ने में मदद कर सकती हैं और खाद्य सुरक्षा में सुधार कर सकती हैं।
अशोक गाडगिल अमेरिका के लॉरेंस बर्कले नेशनल लेबोरेटरी में वैज्ञानिक के पद पर कार्यरत हैं। वह कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय में प्रोफेसर के रूप में भी कार्यरत हैं। गाडगिल ने अपनी उच्च शिक्षा आईआईटी कानपुर और बर्कले विश्वविद्यालय से पूरी की है।
सुब्रा सुरेश मुंबई की मूल निवासी हैं। वह वर्तमान में कार्नेगी मेलन विश्वविद्यालय के अध्यक्ष के रूप में कार्यरत हैं। सुरेश यूएस नेशनल साइंस इंस्टीट्यूट के निदेशक भी हैं। इससे पहले, वह मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में इंजीनियरिंग विभाग के कुलपति थे।
व्हाइट हाउस ने गाडगिल और सुरेश को सम्मानित करते हुए कहा है कि आज अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन कई वैज्ञानिकों को नेशनल मेडल ऑफ साइंस और नेशनल मेडल फॉर टेक्नोलॉजी एंड इनोवेशन से सम्मानित कर रहे हैं| हम उन लोगों को विज्ञान के क्षेत्र में सर्वोच्च पुरस्कार से सम्मानित कर रहे हैं जिन्होंने नई तकनीक की खोज की है, हमारे देश के कल्याण और विकास के लिए नए आविष्कार किए हैं। इस पुरस्कार की शुरुआत 1959 से हुई थी|
इस संबंध में व्हाइट हाउस ने एक बयान जारी किया है|घोषणा में कहा गया कि यह पुरस्कार जीव विज्ञान, कंप्यूटर विज्ञान, शैक्षिक विज्ञान, इंजीनियरिंग, भूविज्ञान, गणित, भौतिकी, सामाजिक, व्यावहारिक और आर्थिक विज्ञान के क्षेत्र में योगदान के लिए दिया जाता है। जिन वैज्ञानिकों ने इन क्षेत्रों में महत्वपूर्ण उपलब्धियाँ हासिल की हैं वे संयुक्त राज्य अमेरिका के राष्ट्रपति से विशेष सम्मान के पात्र हैं।
“…तो चुप नहीं रहेगा अमेरिका”; इज़रायल-हमास युद्ध का बढ़ेगा दायरा?