उत्तराखंड के उत्तरकाशी की सिलक्यारा बारकोट सुरंग से मंगलवार को बाहर निकाल लिया गया। 12 नवंबर को टनल का एक हिस्सा ढह जाने के बाद 41 मजदूर फंस गए थे। उसके बाद 17 दिनों तक चले रेस्क्यू ऑपरेशन में देश की कई एजेंसियां मिलकर मजदूरों को निकालने का प्रयास कर रही थी। कई बार ऐसे भी मौके आये जब यह कहा गया कि रेस्क्यू ऑपरेशन मजदूरों तक पहुंच गया है लेकिन हर बार नाकामी ही हाथ लगती थी। लेकिन मंगलवार मजदूरों के लिए शुभ दिन साबित हुआ और सफकतापूर्वक बाहर निकाल लिया गया। मजदूरों को एक एक लाख रुपये देने की घोषणा की गई है।
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बताया कि सभी मजदूरों को आर्थिक मदद दी जायेगी। प्रत्येक मजदूर को एक एक लाख रुपया और 15 से 20 दिन की छुट्टी भी दी जाएगी। वहीं मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि सुरंग के मुहाने पर बौखनाग बाबा का मंदिर भी बनाया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि पहाड़ों में निर्माणाधीन सुरंगों की समीक्षा की जाएगी। केंद्र सरकार सुरंगों की सुरक्षा ऑडिट कराने को ऐलान किया है।
सीएम धामी ने 10 से 12 मीटर तक खुदाई करने वाले रैट माइनर्स कर्मियों का धन्यवाद किया। उन्होंने कहा कि मजदूरों को बचाने में रैट माइनर्स के कर्मियों द्वारा मैन्युअल खुदाई महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। गौरतलब है कि मजदूरों के बाहर आने के लिए अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों की सलाह ली गई थी। रैट माइनिंग कर्मियों द्वारा खुदाई करने के एक घंटे बाद ही मजदूरों को बाहर निकालने में कामयाबी मिली। इसके बाद मजदूरों के स्वास्थ्य जांच के लिये अस्पताल भेजा गया।
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