28 C
Mumbai
Saturday, November 8, 2025
होमदेश दुनियाविश्व स्ट्रोक दिवस: नितिन कामथ ने 'गोल्डन 4.5 आवर' के महत्व को...

विश्व स्ट्रोक दिवस: नितिन कामथ ने ‘गोल्डन 4.5 आवर’ के महत्व को साझा किया!

उन्होंने खुद के मस्तिष्क संबंधी समस्या से गुजरने के अनुभव के बाद लोगों को समय पर चिकित्सा सहायता लेने की सलाह दी।

Google News Follow

Related

विश्व स्ट्रोक दिवस हर साल 29 अक्टूबर को मनाया जाता है, ताकि लोगों को स्ट्रोक के बारे में जागरूक किया जा सके। जेरोधा के सह-संस्थापक और सीईओ नितिन कामथ ने बुधवार को कहा कि स्ट्रोक के समय हर मिनट बहुत कीमती होता है। उन्होंने बताया कि अगर किसी व्यक्ति को स्ट्रोक हो जाए, तो 4.5 घंटे के भीतर तुरंत इलाज करवाना ज़रूरी है।
उन्होंने खुद के मस्तिष्क संबंधी समस्या से गुजरने के अनुभव के बाद लोगों को समय पर चिकित्सा सहायता लेने की सलाह दी। स्ट्रोक तब होता है जब मस्तिष्क में खून का प्रवाह रुक जाता है।
स्ट्रोक के दौरान मस्तिष्क की कोशिकाएं हर सेकंड नष्ट होती जाती हैं, इसलिए समय पर इलाज और दवा लेना बहुत जरूरी है। इससे जीवन बचाया जा सकता है और स्वस्थ होने की संभावना बढ़ जाती है।

पिछले साल स्ट्रोक से उबर चुके नितिन कामथ ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर बताया कि अगर स्ट्रोक के 4.5 घंटे के भीतर इलाज किया जाए, जिसे ‘गोल्डन आवर’ कहा जाता है, तो मरीज की स्थिति को बेहतर तरीके से संभाला जा सकता है। उन्होंने कहा कि अगर समय पर इलाज न मिले, तो मस्तिष्क को स्थायी नुकसान हो सकता है और दिव्यांगता का खतरा बढ़ जाता है।

उन्होंने कहा कि कई लोग स्ट्रोक के लक्षणों को नजरअंदाज कर देते हैं, यह सोचकर कि वे बिल्कुल ठीक हैं और उन्हें कुछ नहीं होगा।

कामथ ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में लिखा, “जनवरी में जब मुझे स्ट्रोक आया था, तो अगर कोई एक चीज है जो मैं अलग तरीके से करना चाहता, तो वह यह होती कि मैं उसे सोकर ठीक करने की बजाय, ‘गोल्डन आवर’ (साढ़े चार घंटे के अंदर) तुरंत अस्पताल जाता।”

उन्होंने कहा, “‘मुझे कुछ नहीं होगा’ वाला रवैया बहुत आम है, खासकर 50 साल से कम उम्र के लोगों में।” उन्होंने बताया कि पिछले कुछ सालों में 50 साल से कम उम्र के लोगों में स्ट्रोक के मामले तेजी से बढ़े हैं।

कामथ ने कहा, “सच्चाई यह है कि स्ट्रोक के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। पिछले कुछ सालों में कुल स्ट्रोक मामलों में से लगभग 30 प्रतिशत मरीज 30 से 50 साल की उम्र के हैं।”

उन्होंने कहा, “स्ट्रोक के मामले में समय सबसे जरूरी होता है, हर मिनट कीमती है।”

लगभग 80 प्रतिशत स्ट्रोक को सरल और लगातार उपायों से रोका जा सकता है। इनमें शामिल हैं: रक्तचाप और मधुमेह को नियंत्रित रखना, तंबाकू और शराब से बचना, संतुलित आहार लेना, नियमित व्यायाम करना और कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित रखना।

कोलकाता के न्यूरोलॉजिस्ट डॉ. दीप दास के अनुसार, स्ट्रोक के लक्षणों को पहचानना पहला कदम है, और इसे ‘बीई फास्ट’ के तरीके से आसानी से याद रखा जा सकता है।

यह भी पढ़ें-

अयोध्या में राम मंदिर तैयार, 25 नवंबर को आएंगे प्रधानमंत्री मोदी!

National Stock Exchange

लेखक से अधिक

कोई जवाब दें

कृपया अपनी टिप्पणी दर्ज करें!
कृपया अपना नाम यहाँ दर्ज करें

Star Housing Finance Limited

हमें फॉलो करें

151,811फैंसलाइक करें
526फॉलोवरफॉलो करें
280,000सब्सक्राइबर्ससब्सक्राइब करें

अन्य लेटेस्ट खबरें